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पटना हाई कोर्ट ने 478 लेक्चरर्स की नियुकि पर लगाई रोक, BPSC से कहा-रिजल्ट का रिव्यू करें

पटना हाई कोर्ट ने बिहार में 478 पदों पर होनेवाली व्याख्याताओं की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने बीपीएसी से यह भी कहा कि जो रिजल्ट तैयार किए गए हैं उसका रिव्यू होना चाहिए।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 02:24 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 09:33 PM (IST)
पटना हाई कोर्ट ने 478 लेक्चरर्स की नियुकि पर लगाई रोक, BPSC से कहा-रिजल्ट का रिव्यू करें
पटना हाई कोर्ट ने 478 लेक्चरर्स की नियुकि पर लगाई रोक, BPSC से कहा-रिजल्ट का रिव्यू करें

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने अवैध तरीके से सरकारी ट्रेनिंग कॉलेजों में होने वाली व्याख्याताओं (Lecturers) की नियुक्ति पर रोक लगा दी है l इस नियुक्ति में अब सफल हुए उम्मीदवारों (Candidates) को अब केवल  नियुक्ति पत्र (Joining Letters) लेना थाl इसके साथ ही पटना हाई कोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) से यह भी कहा कि जो रिजल्ट (Result) तैयार किए गए हैं, उसका रिव्यू होना चाहिएl इस आदेश के आने के बाद अभ्‍यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। रिजल्‍ट को लेकर उन्‍हें तरह-तरह की आशंका सताने लगी है। 

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जानकारी के अनुसार, व्याख्याताओं की नियुक्ति पर रोक लगाने संबंधी यह आदेश गुरुवार को पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय ने विभा कुमारी व अन्य याचिकाओं की सुनवाई करने के बाद दिया हैl याचिकाकर्ता के वकील विश्वजीत कुमार मिश्रा ने इस संबंध में कोर्ट को बताया कि लेक्चरर की बहाली के लिए बीपीएससी (BPSC) ने 27 फरवरी को अंतिम रूप से रिजल्ट को प्रकाशित किया था, यह अपने आप में दुविधापूर्ण है l

पटना हाई कोर्ट ने कहा कि109 अभ्यर्थियों को सफल करने के लिए दो बार परिणाम निकाला गया, जबकि 6 अभ्यर्थियों को सफल करने के लिए तीन बार रिजल्ट पब्लिश किया गयाl एेसे में तो यह चौंकाने वाला रिजल्ट है l लेक्चरर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 2/2016  प्रकाशित किया गया था l

कोर्ट में अधिवक्ता मिश्रा ने यह भी कहा कि कुल 478 पदों की रिक्तियों के लिए विज्ञापन निकला थाl इसमें से  455  को ही सफल घोषित किया गयाl इसके अलावा नियुक्ति प्रक्रिया में अनेक प्रकार की अनियमितता भी बरती गईl तब मामले की सुनवाई करते हुए न्‍यायाधीश ने गुरुवार को यह आदेश सुनाया। गौरतलब है कि लेक्‍चरर की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर विभा कुमारी एवं अन्य की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं।


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