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पटना हाईकोर्ट बोला- बोलकर नहीं, लिखकर दें कि आक्सीजन की आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं होगी

कोरोना से जुड़ी लोकहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायधीश एस कुमार की खंडपीठ ने आदेश दिया कि यह स्वीकारोक्ति बोलकर नहीं बल्कि हलफनामे पर दें। यह भी अंडरटेकिंग दें कि आइंदा अस्पताल में आक्सीजन आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं होगी

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:09 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 06:09 AM (IST)
पटना हाईकोर्ट बोला- बोलकर नहीं, लिखकर दें कि आक्सीजन की आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं होगी
कोरोना से जुड़ी लोकहित याचिकाओं पर मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: कोरोना से जुड़ी लोकहित याचिकाओं पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) प्रशासन ने कोर्ट मित्र की उस रिपोर्ट को स्वीकार किया है, जिसमें अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर के घपले की आशंका जताई गई थी। पीएमसीएच प्रशासन की तरफ से सीनियर एडवोकेट पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि  कोर्ट मित्र (एडवोकेट मृगांक मौली) की रिपोर्ट में कुछ भी गलत नहीं है। रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई है और आक्सीजन आपूर्ति की गड़बड़ी को सुधार लिया गया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायधीश एस कुमार की खंडपीठ ने आदेश दिया कि यह स्वीकारोक्ति बोलकर नहीं, बल्कि  हलफनामे पर दें। यह भी अंडरटेकिंग दें कि आइंदा अस्पताल में आक्सीजन आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। 

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रोजाना आक्सीजन की जरूरत और आपूर्ति की दें जानकारी

पीएमसीएच अधीक्षक की तरफ से यह भी जानकारी दी गई कि इस माह के अंत तक वहां आक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर देगा। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पीएमसीएच के हर एक वार्ड में बेड की क्षमता के अनुसार रोजाना कितनी आक्सीजन की जरूरत होती है और उसकी आपूर्ति कैसे होती है, इसका जिक्र भी हलफनामा में किया जाए।

कोर्ट मित्र ने पीएमसीएच पर एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत को सौंपी

मालूम हो कि शिवानी कौशिक व अन्य की लोकहित याचिका में हाई कोर्ट प्रशासन ने वकील मृगांक मौली को कोर्ट मित्र बनाया था। कोर्ट मित्र ने पीएमसीएच पर एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। उसमें आक्सीजन की आपूर्ति में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की गई थी। निरीक्षण के दौरान कोर्ट मित्र ने पाया कि एक दिन में भर्ती हुए मरीजों को जहां 150 सिलेंडर की जरूरत थी, वहां 348 सिलेंडर खपा दिए गए थे। प्रसूति वार्ड में भर्ती तीन महिलाओं पर 32 सिलेंडर खर्च किए गए थे। कोर्ट मित्र की रिपोर्ट पर अगली  सुनवाई गुरुवार को होगी। बक्सर में जलती लाशों पर सरकार के जवाब के लिए अगली सुनवाई बुधवार को ही होगी।


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