पटना हाईकोर्ट का फरमान: ऐसी व्यवस्था करें कि बीएड काॅलेज की कोई सीट खाली न रहे
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे उपाय किए जाएं जिससे राज्य में बीएड काॅलेजों की सभी सीटें भर जाएं। कोर्ट ने यह आदेश नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी को दिया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि ऐसे उपाय किए जाएं, जिससे राज्य में बीएड कालेजों की सभी सीटें भर जाएं। कोर्ट ने यह आदेश नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी को दिया है। बीएड में दाखिले के लिए नोडल एजेंसी की जिम्मेवारी इसी विश्वविद्यालय को दी गई है।
एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज की ओर से एक याचिका दायर कर शिकायत की गई थी कि समय पर दाखिला न होने के कारण नए सत्र 2019-2021 में बढ़ी संख्या में बीएड की सीटें खाली रह जाने की आशंका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, एक जुलाई के बाद छात्रों का नामांकन नहीं हो सकता है।
याचिकाकर्ता के वकील सुमन कुमार का कहना था पिछली बार भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई थीं। इस बार करीब करीब 64000 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए हैं, लेकिन अभी तक 50 फीसद छात्रों का भी नामांकन नहीं हो पाया है। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की पीठ ने की।
अदालत ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा कि वे सारे कदम उठाए जाएं, ताकि सीट खाली नहीं रह जाएं। एक परेशानी यह सामने आई है कि छात्रों को दूर के काॅलेज आवंटित किए जा रहे हैं। पूर्णिया के छात्र को कहा जा रहा है कि बक्सर के काॅलेज में दाखिला लें। कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि नामांकन के लिए कट ऑफ मार्क्स में परिवर्तन भी करना जरूरी हो तो किया जाए।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप