BJP MP छेदी पासवान को HC से राहत, संसद सदस्यता रद करने पर तत्काल रोक
पटना हाईकोर्ट ने बीजेपी के छेदी पासवान को संसद सदस्यता के मामले में बड़ी राहत देते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए 20 दिन की मोहलत दी है। कार्यवाही में भाग पर रोक रहेगी।
पटना [वेब डेस्क ]। पटना उच्च न्यायालय ने सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान को बड़ी राहत दी है। उनकी सदस्यता रद करने के फैसले पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए 20 दिन की मोहलत दी है। लेकिन इस दौरान उनके संसद की कार्यवाही में भाग लेने पर रोक रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने ही लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए शपथपत्र में सूचनाएं छिपाने के मामले में सुनवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद कर दी थी। हाईकोर्ट से मिली अभी की राहत इस मामले में महत्वपूर्ण है कि छेदी पासवान को इस आदेश के खिलाफ अपील का समय मिल गया है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि छेदी पासवान संसद में अपनी हाजिरी लगा सकेंगे लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि गत 28 जुलाई को न्यायमूर्ति केके मंडल की एकल पीठ ने गंगा मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद कर दी थी। पासवान पर लोकसभा चुनाव के दौरान नामांकन के साथ दिए हलफनामे में जानकारी छिपाने का आरोप था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूरे मामले का अवलोकन किया और पाया कि छेदी पासवान ने चुनाव के दौरान अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का ब्यौरा नहीं दिया था।
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जदयू से भाजपा में आए थे छेदी
पासवान तीसरी बार संसद के सदस्य हैं। जनता दल के टिकट पर वे वर्ष 1989 व 1991 में सांसद बने थे। पिछले लोकसभा चुनाव के एेन पहले वे जदयू से भाजपा में शामिल हुए थे और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को हराकर संसद में पहुंचे थे।
छेदी पासवान 1985 में पहली बार मोहनिया से लोकदल के टिकट पर विधायक चुने गए थे। वर्ष 1989 व 1991 में वे जनता दल के टिकट पर लगातार दो बार जीत कर संसद पहुंचे। 1996 में वे भाजपा के मुन्नीलाल से चुनाव हार गए थे। बाद में वे बिहार विधानसभा के सदस्य बने।
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दुर्गावती जलाशय को लेकर प्रदर्शन में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
इस फैसले पर अपनी टिप्पणी में छेदी पासवान ने कहा था कि उनके उपर कोई आपराधिक मामला नहीं है। दुर्गावती जलाशय को ले जनता के साथ प्रदर्शन का मामला है। इस केस में आरोप भी गठित नहीं हुआ था। मोहनिया विधानसभा चुनाव के समय हलफनामे में उन्होंने इसका जिक्र किया था। उन्होंने पूर्व सांसद सह पूर्व लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार पर आरोप लगाया कि पैसे के बल पर केस करवाया गया। कहा कि जनता के वोट से जीतकर आए हैं। कोर्ट पर पूरा भरोसा है।