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पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को जमकर लगाई फटकार, कहा- मजाक बना रखा है क्या?

वॉट्सएप पर तस्वीर देखकर पुलिस ने चार लोगों को गिऱफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को जमकर फटकार लगायी और कहा कि आपने शराबबंदी कानून को मजाक बना रखा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 10:14 PM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को जमकर लगाई फटकार, कहा- मजाक बना रखा है क्या?
पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को जमकर लगाई फटकार, कहा- मजाक बना रखा है क्या?

पटना, जेएनएन। बक्सर पुलिस ने वॉट्सएप पर शराब पीने की तस्वीर देखकर चार लोगों को गिरफ्तार कर सीधे जेल भेज दिया। पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में शराबबंदी कानून के दुरुपयोग पर हैरानी जाहिर करते हुए पुलिस की कार्रवाई शैली पर सवाल खड़ा करते हुए जमकर फटकार लगाई। साथ ही बक्सर के एक थानाध्यक्ष और अनुसंधानकर्ता को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने निजी तौर पर अपना-अपना जवाब देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार हुए लोगों के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आरोपितों पर किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है। 

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कोर्ट ने कहा-इतनी लापरवाही क्यों बरती गई, जवाब दो

सोमवार को न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की एकलपीठ में मनोज कुमार सिंह एवं विनय कुमार सिंह की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान शराबबंदी कानून के दुरुपयोग पर सवाल उठाया गया। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि कानून के गलत इस्तेमाल को लेकर उन पर क्यों नहीं हर्जाना लगाया जाए।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि वॉट्सएप पर भेजे गये फ़ोटो के आधार पर पुलिस ने आवेदकों को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लेकिन पुलिस ने यह भी पता नहीं किया की वायरल फोटो कब की है और कहां ली गई है?

पुलिस ने ये भी पता लगाने की कोशिश नहीं की कि आवेदक ने शराब पिया था या नहीं। इस बारे में पुलिस ने मेडिकल तक नहीं करायी। इस तरह पुलिस की बिना सोचे समझे ही केस करने से चार लोगों को सात दिन जेल में रहना पड़ा है।  

क्या है मामला

बक्सर मुफस्सिल थाना के थानेदार को उनके सरकारी मोबाइल के वॉट्सएप पर सदर डीएसपी ने 30 जून को कुछ तस्वीरें भेजी थीं। एक तस्वीर में चार लोगों को एक कार के अंदर शराब पीते दिखाया गया था। इस मैसेज के आधार पर पुलिस ने एमडीएम के कार्यपालक सहायक राजेश कुमार, बाजार समिति के सदस्य विनय कुमार, मनोज कुमार सिंह एवं नई बाजार वार्ड नम्बर पांच के सदस्य संजय साह की पहचान कर ली और सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एक सप्ताह बाद सभी जमानत पर बाहर आए। अब इन आरोपितों ने गलत तरीके से फंसाए जाने पर हाई कोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर मुकदमे को निरस्त करने की गुहार लगाई है। 


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