बिहार बोर्ड का नया कारनामा :एेसे खेला नंबर गेम, लगा एक लाख का जुर्माना
छात्र को 32 नंबर मिले थे लेकिन बिहार बोर्ड ने उसे दो नंबर बताकर फेल कर दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब पटना हाईकोर्ट मामला पहुंचा। कोर्ट ने बोर्ड से कहा कि छात्र को एक लाख मुआवजा दे।
पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड प्रबंधन पर पास छात्र को दो नंबर बताकर फेल करने के आरोप में पटना हाईकोर्ट ने एक लाख का जुर्माना लगाया है। बोर्ड के कारनामे का खुलासा होने पर पता चला कि जिस छात्र को इंटर में दो नंबर दिया गया दरअसल उसे 32 नंबर मिले थे लेकि मुलाजिमों ने 32 को 2 पढ़ लिया।
32 को 32 मानने में इतना समय गुजर गया कि छात्र सौरभ कुमार का एक साल बर्बाद हो गया। गुरुवार को पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह ने बोर्ड की इस गलती की सजा सुनाई। उन्होंने बोर्ड प्रबंधन से कहा-’आपकी गलती से सौरभ का एक साल बर्बाद हुआ। इसलिए उसको मुआवजा के तौर पर एक लाख रुपया दीजिए।’
आरटीआई से कॉपी मांगी तो राज खुला
यह मामला 2017 में हुई इंटर परीक्षा से संबंधित है। इसका रिजल्ट पिछले साल 23 मई को निकला। सौरभ ने अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय रखा था। इसमें उसे मात्र 32 नंबर मिले। उसने इस विषय के नंबर की स्क्रूटनी का आवेदन दिया। बोर्ड ने स्क्रूटनी की और 32 की जगह 2 नंबर देते हुए उसे फेल कर दिया।
छात्र कोर्ट पहुंचा तो बोर्ड ने मानी गलती
बहुत टाल-मटोल के बाद बोर्ड ने उसे 32 नंबर दिया और उसे इस विषय में पास बता दिया। सौरभ, पटना हाईकोर्ट की शरण में आया। तब जाकर बोर्ड ने अपनी गलती मानी। बोर्ड की लापरवाही और उसे सुधारने में देरी की वजह से सौरभ का एक साल बर्बाद हो गया। इन्हीं कारणों से हाईकोर्ट ने उसे 1 लाख रुपये देने का निर्देश बिहार बोर्ड को दिया।
बोर्ड का तर्क था कि यह लिपिकीय भूल थी। 3 दिख ही नहीं रहा था। फिर हमने तो गलती मानी और इसे सुधारा भी। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को नकार दिया। कहा-’यह अक्षम्य है। बोर्ड बहुत जिम्मेदार संस्था है। उससे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। ठीक है कि आपने गलती सुधारी लेकिन इसमें इतनी देरी क्यों की?
कोर्ट ने कहा कि सौरभ का एक साल तो बर्बाद हो गया और यह साल भी बर्बाद होने को है। इसकी भरपाई तो होनी चाहिए। सौरभ तो मुआवजे का बिल्कुल हकदार है।’