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कोरोना की तीसरी लहर के लिए ईएसआईसी अस्पताल की तैयारियों पर पटना हाईकोर्ट असंतुष्‍ट

अस्‍पताल की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इलाज में लगने वाली दवाओं की सूची भी बना ली गई है। सिटी स्कैन मशीनों को स्थापित करने का कार्य जारी है। हॉस्पिटल के वेस्ट को नगर निगम एवं आइजीआइएमएस की मदद से नष्ट किया जा रहा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 03:19 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 03:19 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर के लिए ईएसआईसी अस्पताल की तैयारियों पर पटना हाईकोर्ट असंतुष्‍ट
पटना हाई कोर्ट में हो रही मामले की सुनवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में कोरोना महामारी से बचाव एवं नियंत्रण पर सरकारी सुविधाओं की मानिटरिंग कर रही पटना हाईकोर्ट ने शिवानी कौशिक एवं अन्य लोकहित याचिका पर बुधवार सुनवाई की। पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने कोविड थर्ड वेव के मद्देनजर अस्पताल की बुनियादी सुविधाओं एवं कोरोना मरीजों के इलाज हेतु सुविधाओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। अस्पताल की डीन सौम्या चक्रवर्ती ने अपने हलफनामे द्वारा कोर्ट को बताया कि अस्पताल में सीनियर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ वार्ड बॉयज, हाउसकीपिंग स्टाफ एवं लैब कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए एजेंसियों की मदद ली जा रही है।

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अस्‍पताल की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इलाज में लगने वाली दवाओं की सूची भी बना ली गई है। सिटी स्कैन मशीनों को स्थापित करने का कार्य जारी है। हॉस्पिटल के वेस्ट को नगर निगम एवं आइजीआइएमएस की मदद से नष्ट किया जा रहा है। इसके साथ-साथ अस्पताल में 24 घंटे एंबुलेंस सेवा भी शुरू कर दी गई है।

खंडपीठ ने हलफनामे को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि जवाब में यह पता नहीं चल पा रहा है कि कोविड थर्ड वेव से निपटने के लिए अस्पातल किस तरह से तैयार है। कोर्ट ने यह जानना चाहा कि अब तक ऑक्सीजन प्लांट बिहटा स्थित मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में क्यों नहीं लगा? कोर्ट ने यह भी बताने को कहा कि जो भी रिक्त पद हैं, उन्हें कब तक भरा जाएगा? अस्पताल में दवाओं, ऑक्सीजन, मेडिकल इक्विपमेंट व अन्य कमियों को पूरा करने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है? कोर्ट ने अस्पताल को 3 सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है कि सारी कमियों को पूरा कर लिया जायेगा।

राज्य में कोविड कचरे के प्रबंधन हेतु पटना हाईकोर्ट को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कोविड कचरे के प्रबंधन एवं उन्हें नष्ट करने के निजी कम्पनियों को ठेका दिया गया है। कोर्ट ने बोर्ड के क्रियाकलापों पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि उनके कार्यों पर लगातार नजर रखे जाने की जरूरत है। तीन सप्ताह बाद इस मामले की अगली सुनवाई होगी।


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