बालिका गृह की महिला गार्ड को झटका, पटना हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
पटना हाईकोर्ट की ग्रीष्मकालीन कोर्ट ने मंगलवार को यौन शोषण के एक मामले में मुजफ्फरपुर बालिका गृह की रक्षा प्रहरी लक्ष्मी देवी को जमानत पर रिहा करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाईकोर्ट की ग्रीष्मकालीन कोर्ट ने मंगलवार को यौन शोषण के एक मामले में मुजफ्फरपुर बालिका गृह की रक्षा प्रहरी लक्ष्मी देवी को जमानत पर रिहा करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। बता दें कि यह ब्रजेश ठाकुर वाला बालिका गृह का मामला नहीं है, बल्कि मुजफ्फरपुर गोबरसही थाना अंतर्गत उत्तर रक्षा गृह की घटना है।
न्यायाधीश पीसी जायसवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को फिलहाल जमानत पर रिहा करने से मना कर दिया। बालिका गृह में यौन शोषण की यह घटना 2013 की है। जमानत का विरोध करते हुऐ अधिवक्ता डॉ सदानंद पासवान ने कहा कि यह महिला थाना कांड संख्या 27/2013 से जुड़ा मामला है।
राज्य महिला आयोग की उप सचिव निरीक्षण के लिए 14 नवम्बर 2013 को गोबरसही में स्थित उत्तर रक्षा गृह गई तो शिकायत मिली कि यहां की लड़कियों को जिस्म के खरीदारों के पास भेजा जाता है। हर दिन यहां की लड़कियों को नए ग्राहकों के पास भेजा जाता है। इसकी मुख्य किरदार लक्ष्मी ही थी।
इतना ही नहीं, हवस की शिकार लड़की ने 164 के तहत दिए बयान में कहा है कि उसके साथ हमेशा जबरन की जाती थी। जब वह तैयार नहीं होती थी, तो नशीली दवा दी जाती थी। विरोध करने पर खाना पीना बंद कर दिया जाता था। यही उसकी नियति बन गई थी। उसे ग्राहकों के पास भेजने में लक्ष्मी की बड़ी भूमिका रही है। अदालत ने सारी बातों को सुनने के बाद बाद याचिका खारिज कर दी।
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