दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा पाए दो अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट ने किया बरी, जानें क्यों मिली राहत
दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा पाए दो अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। फारेंसिक जांच एवं पीड़िता का बयान में विरोधाभास पाया गया है। गवाहों में विरोधाभास पाते हुए एवं संदेह का लाभ देते हुए उक्त दोनों अभियुक्तों को सजामुक्त कर दिया।
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा पाए दो अभियुक्तों को बरी कर दिया। न्यायाधीश एएम बदर एवं न्यायाधीश राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पश्चिम चंपारण के निवासी हीरा यादव एवं सुरेश यादव की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा से मुक्त कर दिया। अपिलार्थियों की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप से मेडिकल रिपोर्ट मेल नहीं खाती है। फारेंसिक जांच एवं पीड़िता का बयान में विरोधाभास पाया गया है। ऐसे में अदालत ने अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा से मुक्त कर दिया।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दिनांक 17.04.2001 को जब वह पश्चिम चंपारण स्थित अपने गांव में परिवार के साथ सो रही थी तब रात के करीब 11 बजे हीरा यादव, सुरेश यादव एवं एक अन्य अभियुक्त उसके घर में जबरन घुस आए और उसके पिता के साथ मारपीट की। इसके बाद उपरोक्त सभी अभियुक्त उसे घसीटकर खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। मामल में पीड़िता ने दिनांक 18.01.2001 को भितहा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने उपरोक्त अभियुक्तों को दोषी मानते हुए 19.02.2014 को आइपीसी की धारा 376 (2) (g) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई।
मामले में किसी भी स्वतंत्र गवाह का परीक्षण नहीं हुआ
अपिलार्थियों की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप से मेडिकल रिपोर्ट मेल नहीं खाती है। इस पूरे मामले में किसी भी स्वतंत्र गवाह का परीक्षण नहीं हुआ है। पीड़िता के शरीर पर किसी प्रकार की चोट का निशान भी नहीं पाया है। फारेंसिक जांच एवं पीड़िता का बयान में विरोधाभास पाया गया है। इस पर खंडपीठ ने तथ्यों के मद्देनजर और गवाहों में विरोधाभास पाते हुए एवं संदेह का लाभ देते हुए उक्त दोनों अभियुक्तों को सजामुक्त कर दिया।