बालिका गृह यौनशोषण मामला: पटना HC ने सरकार और CBI से मांगी रिपोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने बालिका गृह यौनशोषण मामले की मॉनिटरिंग करने की बात मान ली है सीबीआइ को दो सप्ताह में अभी तक हुई जांच पर अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना हाईकोर्ट अब मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले की मॉनिटरिंग करेगा।सोमवार को हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई। केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और अब तक इस केस में की गई कार्रवाइयों का पूरा ब्यौरा दो सप्ताह के भीतर देने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले की स्पीडी ट्रायल के लिए स्पेशल जज की भी नियुक्ति की जाएगी। कोर्ट इस मामले में दो सप्ताह के बाद फिर से सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में अखबारों में प्रकाशित खबरों को आधार बनाकर की जा रही कार्रवाई के साथ ही अन्य बातों की भी जानकारी ली। साथ ही कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और राज्य सरकार और केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बालिकाओं का यौन शोषण तो हुआ ही, साथ ही राज्य के अन्य जिलों के शेल्टर होम में भी बच्चे-बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं भी हुई हैं।
अभियुक्तों के सारे मामलों की सुनवाई एक कोर्ट में होगी
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने कहा मुजफ्फरपुर महिला पी एस 33/2018 से जुड़े सारे मामलों की सुनवाई एक ही न्यायाधीश करेंगें। इस मामले में चाहे अभियुक्तों के बेल की सुनवाई हो, या इससे संबंधित किसी अन्य मामले की सुनवाई हो। इसके लिए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी आगाह कर दिया गया है। मालूम हो कि पशु पालन घोटाले की सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग हाई कोर्ट ने ही की थी।
बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच में हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग कराने की मांग की है। इस केस का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत मामले के कई आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं। वहीं, विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और समाज कल्याण मंत्री मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रहा है।