JPO: खाताधारकों को अपना रिश्तेदार बता अधूरे कागजात पर ही रकम निकलवा लेते थे कर्मचारी Patna News
पटना जीपीओ के खजाने से 2.02 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में पड़ताल करने पर कई राज सामने आए हैं।
By Edited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 01:15 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 10:01 AM (IST)
पटना, जेएनएन। जेनरल पोस्ट ऑफिस (जीपीओ) के खजाने से अब तक 2.02 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों पर सीबीआइ का खौफ छा गया है। नतीजतन पहचान पत्र के बिना किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अबतक की जांच में पता चला है कि कर्मचारी कई खाताधारकों को अपना रिश्तेदार बताकर अधूरे कागजात पर ही रकम की निकासी की सहमति अधिकारी से ले लेते थे। ऐसे में अधिकारियों का बचना मुश्किल होगा।
जीपीओ में कमीशन एजेंट का बड़ा लॉबी काम करता है। वे धड़ल्ले से गोपनीय क्षेत्र में प्रवेश कर पैसे जमा और निकासी कराते रहे हैं। घोटाले की जांच के लिए सीबीआइ को पत्र लिखे जाने के बाद अब हर अजनबी में सीबीआइ का खुफिया तंत्र नजर आने लगा है। इसीलिए अब बिना पहचान पत्र के कार्यालय में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वैसे यहां के कर्मी बिना पहचान पत्र के ही कार्यालय आते-जाते रहे हैं। अब गोपनीयता के मद्देनजर सभी कर्मियों को अपना पहचान पत्र साथ रखने को कहा गया है।
भरोसा टूटा अधिकारियों का
जिस तरीके से कर्मियों ने अपना रिश्तेदार बताकर अधूरे कागजात पर ही पुराने परिपक्व बेनामी खाते को चूना लगाया है उससे अधिकारियों का भरोसा टूट गया है। अधिकारियों को विश्वास में लेकर अवैध रूप से पैसे की निकासी की जाती थी। भुगतान की अनुमति देने वाले अधिकारियों पर सीबीआइ की गाज गिर सकती है।
जीपीओ में कमीशन एजेंट का बड़ा लॉबी काम करता है। वे धड़ल्ले से गोपनीय क्षेत्र में प्रवेश कर पैसे जमा और निकासी कराते रहे हैं। घोटाले की जांच के लिए सीबीआइ को पत्र लिखे जाने के बाद अब हर अजनबी में सीबीआइ का खुफिया तंत्र नजर आने लगा है। इसीलिए अब बिना पहचान पत्र के कार्यालय में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वैसे यहां के कर्मी बिना पहचान पत्र के ही कार्यालय आते-जाते रहे हैं। अब गोपनीयता के मद्देनजर सभी कर्मियों को अपना पहचान पत्र साथ रखने को कहा गया है।
भरोसा टूटा अधिकारियों का
जिस तरीके से कर्मियों ने अपना रिश्तेदार बताकर अधूरे कागजात पर ही पुराने परिपक्व बेनामी खाते को चूना लगाया है उससे अधिकारियों का भरोसा टूट गया है। अधिकारियों को विश्वास में लेकर अवैध रूप से पैसे की निकासी की जाती थी। भुगतान की अनुमति देने वाले अधिकारियों पर सीबीआइ की गाज गिर सकती है।
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