देश के सबसे सुरक्षित श्रेणी में शामिल हुआ पटना एयरपोर्ट, मिला ऑपरेटिंग लाइसेंस
पटना एयरपोर्ट अब देश के सुरक्षित एयरपोर्ट की श्रेणी में शामिल हो गया है। फ्रिक्शन टेस्ट में रनवे की स्थिति देश में सबसे बेहतर होने के बाद डायरेक्टेट जनरल आफ सिविल एवियेशन ने पटना एयरपोर्ट को ऑपरेटिंग लाइसेंस दे दिया है।
पटना। पटना एयरपोर्ट अब देश के सुरक्षित एयरपोर्ट की श्रेणी में शामिल हो गया है। फ्रिक्शन टेस्ट में रनवे की स्थिति देश में सबसे बेहतर होने के बाद डायरेक्टेट जनरल आफ सिविल एवियेशन ने पटना एयरपोर्ट को ऑपरेटिंग लाइसेंस दे दिया है।
दस साल से रनवे की बाधाओं और अन्य आपत्तियों के कारण यह मामला लंबे समय से अटका हुआ था। आपरेटिंग लाइसेंस मिलने को एयरपोर्ट ऑथोरिटी बड़ी उपलब्धि मान रही है।
पटना एयरपोर्ट के निदेशक राजेंद्र सिंह लाहौरिया ने बताया कि विमान परिचालन संबंधी डीजीसीए की तमाम आपत्तियों को दूर कर लिया गया है। इतना ही नहीं, फ्रिक्शन टेस्ट में पटना एयरपोर्ट देश का अव्वल एयरपोर्ट साबित हुआ है। वर्ष 2000 की जुलाई में हुए विमान हादसे के बाद से ही पटना एयरपोर्ट को अघोषित तौर पर क्रिटिकल एयरपोर्ट माना जाने लगा था।
ये खामियां की गईं दूर
डीजीसीए ने चिडिय़ाघर के बड़े पेड़ों की छंटाई कराने का निर्देश दिया था। अब यह काम नियमित तौर पर हो रहा है। इसके अलावा फायर पिट को रनवे से दूर स्थानांतरित कर दिया गया है। रनवे स्ट्रिप की ग्रेडिंग कर इसे अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है।
डीजीसीए के निर्देश के अनुसार कई छोटे छोटे काम किए जाने थे। ये पूरे हो गये हैं। पश्चिम की ओर लगाए गए मोबाइल टावर को हटा लिया गया। डीजीसीए के निर्देश के अनुसार प्रिसिजन एप्रोच पाथ इंडीकेटर को भी व्यवस्थित किया जा चुका है। इसका उपयोग विमान परिचालन के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम के विकल्प के तौर पर किया जाता है।
एयरपोर्ट को बेहतर बनाने के होंगे प्रयास
लाहौरिया बताया कि पटना एयरपोर्ट का रनवे छोटा जरुर है लेकिन यह आदर्श स्थिति में है। फायर डिजेस्टर मैनेजमेंट की इन हाउस ट्रेनिंग हाल ही में पूरी कर ली गयी है। डीजीसीए ने इस सिलसिले में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था।
एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि हवाई अड्डे को स्थानांतरित किये जाने तक रनवे को 14 डिग्री टिल्ट करने का प्रस्ताव है। इसके लिए राज्य सरकार से चितकोहरा से जगदेव पथ के फूलटास तक की जमीन के अधिग्रहण की मांग की जाएगी। वर्तमान में रनवे 6500 फीट है जिसे बढ़ाकर 9000 करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर एयरपोर्ट ऑथरिटी की बातों को मान लेती है तब एयरपोर्ट के लिए चितकोहरा पुल के पास स्थित वीवीआइपी सरकारी आवासों को हटाना होगा। टर्मिनल भवन के लिए अभी सरकार से 55 एकड़ जमीन की मांग की गई है।
एयरपोर्ट निदेशक ने कहा कि 27 फरवरी से रांची-पटना-कोलकाता-रांची जेट एयरवेज प्लेन को बंद कर दिया जाएगा। अभी वर्तमान में 21 उड़ानें पटना एयरपोर्ट से जा रही है। एक बंद होने से 20 रह जाएगी। 27 फरवरी से ही जेट एयरवेज की एक विमान बंद कर दी जाएगी। यात्रियों के लिए 27 से ही चार अन्य विमानें शुरू होने जा रही है। इनमें से एक रांची पटना-बंगलोर होगी तो दूसरा कोलकाता, तीसरा दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी।