विवादों में आया पटना AIIMS, उचित डिग्री बिना नौकरी कर रहे विभागाध्यक्ष समेत तीन डॉक्टर बर्खास्त
पटना एम्स में डॉक्टरी की डिग्री बिना नौकरी कर रहे एक विभागाध्यक्ष समेत दिन डॉक्टरों को गवर्निंग बॉडी की बैठक में बर्खास्त कर दिया गया। तीनों की गलत ढंग से नियुक्ति हुई थी। तीनों ने सामान्य कॉलेज से एमएससी की डिग्री हासिल की है।
नलिनी रंजन, पटना। एम्स, पटना विवादों के घेरे में आ गया है। डॉक्टरी की डिग्री बिना नौकरी कर रहे एक विभागाध्यक्ष समेत दिन डॉक्टरों को गवर्निंग बॉडी की बैठक में बर्खास्त कर दिया गया। तीनों की गलत ढंग से नियुक्ति हुई थी। तीनों ने सामान्य कॉलेज से एमएससी की डिग्री हासिल की है। इनकी पीएचडी डिग्री को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
स्थापना काल 2013 में की गई थी तीनों की नियुक्ति
तीनों की नियुक्ति एम्स के स्थापना काल 2013 में की गई थी। इसमें पैथालॉजी मेडिसीन विभाग के हेड डॉ. अजीत सक्सेना, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. आलोक रंजन एवं माइक्रोबॉयोलाजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुष्मिता दास हैं।
तीनों को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय सुनाया
गवर्निंग बॉडी की बैठक में तीनों को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय सुनाया गया। गवर्निंग बॉडी की बैठक डॉ. एनके अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई। डॉ. सुष्मिता दास को हाल में ही एम्स प्रबंधन की ओर से पदोन्नति भी दी गई है।
नई नियुक्ति को कमेटी गठित, जल्द खाली पदों पर भर्ती के निर्देश
चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने एम्स में खाली फैकल्टी एवं सेकेंड ग्रेड के कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमेटी गठित कर दी है। कमेटी जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ करेगी। एम्स में सृजित 305 पदों के आलोक में अब तक महज 160 पदों पर ही नियुक्ति हो सकी है। शेष पदों पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जानी है।
डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने से विभाग आरंभ नहीं हो सके
एम्स में नेफ्रोलॉजी, न्यूरो मेडिसीन, एंडोक्रायोनोलॉजी विभाग में एक भी डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने के कारण विभाग ही आरंभ नहीं हो सके हैं। कुछ भी हो मगर गवर्निंग बॉडी के निर्णय के बाद पटना एम्स विवादों के घेरे में आ गया है। इस बीच एम्स में खाली फैकल्टी एवं सेकेंड ग्रेड के कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमेटी गठित कर दी है।