ट्रेन की आरक्षित बोगियों में अब हाफ टिकट पर नहीं मिलेगा बर्थ, जानिए...
ट्रेन की आरक्षित बोगियों में बच्चों के लिए हाफ टिकट पर पूरी बर्थ मिलने की बात सपना होने जा रही है। भारतीय रेलवे आधी टिकट की परिभाषा बदलने जा रहा है। 22 अप्रैल से यात्रियों को बच्चों (पांच वर्ष से अधिक) के लिए अलग बर्थ को फुल टिकट लेना होगा।
पटना [चंद्रशेखर]। ट्रेन की आरक्षित बोगियों में बच्चों के लिए हाफ टिकट पर पूरी बर्थ मिलने की बात सपना होने जा रही है। भारतीय रेलवे आधी टिकट की परिभाषा बदलने जा रहा है। 22 अप्रैल से यात्रियों को बच्चों (पांच वर्ष से अधिक) के लिए अलग बर्थ को फुल टिकट लेना होगा। हाफ टिकट लेने पर अभिभावकों को अपने बच्चे को साथ में ही सुलाना होगा।
इस नई व्यवस्था से रेलवे प्रति वर्ष दो करोड़ से अधिक यात्रियों को कंफर्म बर्थ दे सकेगा। साथ ही प्रति वर्ष 525 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की संभावना है। मालूम हो कि रेलवे में अभी 5 से 12 वर्ष तक के बच्चों को हाफ टिकट लगता है। आरक्षण कराते समय यदि बर्थ खाली रहती है तो हाफ टिकट पर बच्चों को पूरी बर्थ मिल जाती है।
22 अप्रैल के बाद 5 से 12 उम्र के बच्चों के लिए बर्थ चाहिए होगी तो व्यवस्क की तरह निर्धारित भाड़ा देना होगा। हालांकि रेलवे ने हाफ टिकट की व्यवस्था बंद नहीं की है। बस, यह बदलाव किया है कि हाफ टिकट पर आधा किराया लिया जाएगा, लेकिन बर्थ नहीं मिलेगी। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों का पहले की तरह किसी तरह का टिकट नहीं लगेगा।
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो वर्ष 2014-15 में देश में 5 से 12 वर्ष तक के 2 करोड़ से अधिक बच्चे कंफर्म बर्थ पर यात्रा की है। इस व्यवस्था के लागू होने से रेलवे की आय तो बढ़ेगी ही दो करोड़ यात्रियों को अतिरिक्त बर्थ मिल पाएगी।
रेलवे ने अनारक्षित श्रेणी के टिकटों में कोई बदलाव नहीं किया है। इस नए नियम को लागू करने के लिए रेलवे की ओर से आरक्षण पर्ची में भी बदलाव किया जा रहा है। नए पर्ची में हाफ टिकट पर पूरी बर्थ देने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। ऐसे बच्चों के लिए कंफर्म बर्थ की मांग करने पर उन्हें अलग से कालम में इसकी जानकारी देनी होगी और कंफर्म बर्थ के लिए पूरी राशि चुकानी होगी।