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प्रसव पीड़ा पर चलती ट्रेन में ही बनाया कपड़ों का घेरा, स्‍टेशन पर गूंजी जुड़वा बच्‍चों की किलकारी

बिहार में चलती ट्रेन में एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद यात्रियों के साथ रेल कर्मियों व पुलिस ने भीइ तत्‍परता दिखाई। महिला ने ट्रेन में ही जुड़वा बच्‍चों को जन्‍म दिया।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 03:08 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 10:39 PM (IST)
प्रसव पीड़ा पर चलती ट्रेन में ही बनाया कपड़ों का घेरा, स्‍टेशन पर गूंजी जुड़वा बच्‍चों की किलकारी
प्रसव पीड़ा पर चलती ट्रेन में ही बनाया कपड़ों का घेरा, स्‍टेशन पर गूंजी जुड़वा बच्‍चों की किलकारी

बक्‍सर [जेएनएन]। चलती ट्रेन में महिला को प्रसव पीडा होने लगी। इसके बाद साथ के साथी यात्रियों ने कपड़ों का घेरा बनाया। रेल कर्मियों व रेल पुलिस ने भी तत्‍परता दिखाई। फिर ट्रेन के अगले स्‍टेशन पर पहुंचने पर बोगी में ही महिला ने जुड़वा बच्‍चों को जन्‍म दिया। घटना बिहार के बक्‍सर रेलवे स्‍टेशन की है।

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पूर्वा एक्‍सप्रेस में महिला को हुई प्रसव पीड़ा

कानपुर के रहने वाले हृतेश अपनी पत्नी गर्भवती ज्योति के साथ पूर्वा एक्‍सप्रेस से दुर्गापुर अपने घर कानपुर लौट रहे थे। ट्रेन के आरा स्‍टेशन से खुलने के बाद ज्‍योति को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बोगी में साथ के यात्री मदद के लिए आगे आए। उन्‍होंने ट्रेन में ही कपड़ों का पर्दा लगा दिया।

बक्‍सर स्‍टेशन पर जुड़वा बच्चों का जन्‍म

इस बीच रेलकर्मियों ने घटना की सूचना कंट्रोल को दी। ट्रेन के अगले स्टेशन बक्सर पहुंचने के पहले रेलवे ने वहां लेडी डॉक्टर की व्यवस्था कर दी। ट्रेन के बक्‍सर स्‍टेशन पर पहुंचने पर बोगी में ही कपड़ों से बनाए गए घेरे के भीतर महिला का प्रसव कराया गया। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। इसके बाद जच्‍चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। तीनों तरह स्वस्थ हैं।

मां बोली: कभी नहीं भूल सकती यह घटना

ट्रेन में प्रसव पीड़ा व जुड़वा बच्‍चे के जन्‍म की घटना को ज्‍योति ने कभी नहीं भूलने वाली बात कही है। उन्‍होंने कहा कि रेलवे की तत्‍परता के कारण उनकी व बच्‍चों की जान बच गई। ज्‍योति ने रेल यात्रियों के सहयोग के लिए भी उनका धन्‍यवाद दिया।

प्रसन्‍न पिता ने सहयोग के लिए धन्‍यवाद

दुर्गापुूर में रहकर रिक्‍शा चलाने वाले ज्‍याति के पति हृतेश ने कहा कि जुड़वा बच्चे पाकर वे बेहद खुश हैं। उन्होंने रेलवे के अधिकारियों, पुलिस व साथी यात्रियों काे धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके जीवन में आज का दिन सबसे खुशी का दिन है।

रेलयात्री बोले: अभी भी जिंदा है इंसानियत

घटना में रेल कर्मियों की तत्‍परता की सराहना हो रही है। बक्‍सर स्‍टेशन पर मौजूद रेल यात्री संजय, रश्मि, सुनयना व रंजीत ने बताया कि ऐसी घटनाओं को देखकर लगता है कि इंसानियत जिंदा है।

बक्‍सर के अस्‍पताल में जच्‍चा-बच्‍चा स्‍वस्‍थ

घटना की बाबत बक्सर रेल थाना अध्‍यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेन में प्रसव व प्राथमिक उपचार के बाद रेल पुलिस ने जच्चा-बच्चा को बक्‍सर सदर अस्पताल पहुंचाया। आरपीएफ के पिरीक्षक प्रभारी जवाहर लालू ने बताया कि प्रसव के दौरान 10 मिनट तक ट्रेन बक्‍सर स्‍टेशन पर रोकी गई। उधर, सदर अस्पताल के डॉक्‍टरों ने जच्चा-बच्चा को स्वस्थ बताते हुए कहा कि उन्‍हें जल्‍दी ही रिलीज कर दिया जाएगा।


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