हाल-ए-पटना जंक्शनः बैग हो या बोरा बिना जांच धड़ल्ले से लेकर अंदर आ जाते हैं यात्री
पटना जंक्शन में यात्रियों के सामानों की जांच नहीं की जाती है। केवल सीसी कैमर के भरोसे रेलवे शहर के सबसे बड़े स्टेशन का जिम्मा उठाए हुए है।
By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 01:02 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 01:02 PM (IST)
पटना, जेएनएन। एक तरफ रेलवे की हेल्पलाइन पर धमकी दी जा रही है वहीं दूसरी ओर पटना के जंक्शन की सुरक्षा का हाल कुछ और बयां कर रहा है। यात्रियों के पास बोरा हो या बैग किसी चीज की भी जांच नहीं होती। सीधे आइए और स्टेशन के अंदर प्रवेश कर जाइए। रेलवे केवल चंद कैमरों के भरोसे स्टेशन की सुरक्षा कर रहा है।
अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर पर सोमवार को पटना जंक्शन को बम से उड़ाने की धमकी के बाद भी पटना स्टेशन पर सुरक्षा नियमों का कैसे मखौल उड़ाया जा रहा है। गेट नंबर एक हो या करबिगहिया से जंक्शन के अंदर आने का इंट्री गेट, वहां पर एक अदद लगेज स्कैनर या डोर मेटल डिटेक्टर तक नहीं है।
गेट पर खड़े जवान, सामानों की नहीं होती जांच
मंगलवार को शाम के करीब साढ़े चार बजे थे। पार्किंग के पास आरपीएफ का जवान खड़ा था। प्लेटफॉर्म नंबर एक की तरफ मेन बिल्डिंग का स्वरूप बदलने का काम तेजी से चल रहा था। गेट नंबर दो और मुख्य प्रवेश द्वार पर आरपीएफ या जीआरपी का कोई जवान नहीं मौजूद था। गेट नंबर चार पर दो जीआरपी के जवान एक कोने में खड़े थे। यात्री स्टेशन के अंदर प्रवेश कर रहे थे। लगेज व बड़े-बड़े बोरे लेकर यात्री आसानी से स्टेशन के अंदर जा रहे थे। उनकी लगेज में क्या है इसकी पड़ताल करने वाला भी कोई नहीं।
हटा दिए गए सभी स्कैनर और मेटल डिटेक्टर
पूर्व में हनुमान मंदिर की तरफ से पटना जंक्शन में तीन प्रवेश द्वार पर लगेज स्कैनर और डोर मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। करबिगहिया की तरफ से भी इंट्री करने पर एक लगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। हर गेट पर जीआरपी के जवान भी तैनात रहते थे और यात्री गेट से गुजरने वाले यात्रियों को सामानों का स्कैन कराना पड़ता था। सूत्रों की मानें तो बार-बार लगेज स्कैनर खराब होने और जगह की कमी को देखते हुए स्टेशन पर पिछले साल सभी स्कैनर हटा दिए गए। साथ ही डोर मेटल डिटेक्टर भी हटा दिए गए। इसके बाद से पूरी व्यवस्था सुरक्षाकर्मियों और सीसीटीवी कैमरे के भरोसे है। रेलवे अधिकारियों का दावा है कि स्टेशन के हर कोने पर कैमरे लगे हैं, जिससे कंट्रोल रूम से चौबीस घंटे निगरानी होती है।
बनावट में करना होगा सुधार
रेल एसपी सुजीत कुमार ने कहा कि जंक्शन की बनावट ऐसी नहीं है, जिससे कि डोर मेटल डिटेक्टर का सही इस्तेमाल किया जा सके। स्टेशन पर आने जाने वाले हर संदिग्ध पर नजर रखी जाती है। लगातार चेकिंग होती है और सीसीटीवी से जंक्शन की हर गतिविधि पर कंट्रोल रूम में तैनात जवान चौबीस घंटे नजर रखता है।
सादे लिबास में रहते हैं जवान
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त चित्रेश जोशी कहा कि आरपीएफ और जीआरपी दोनों जंक्शन की सुरक्षा में तैनात रहती है। जरूरत पडऩे पर श्वान दस्ता और बम निरोधक दस्ता से पूरे जंक्शन की जांच कराई जाती है। सादे लिबास में भी आरपीएफ जवानों की तैनाती की गई है।
अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर पर सोमवार को पटना जंक्शन को बम से उड़ाने की धमकी के बाद भी पटना स्टेशन पर सुरक्षा नियमों का कैसे मखौल उड़ाया जा रहा है। गेट नंबर एक हो या करबिगहिया से जंक्शन के अंदर आने का इंट्री गेट, वहां पर एक अदद लगेज स्कैनर या डोर मेटल डिटेक्टर तक नहीं है।
गेट पर खड़े जवान, सामानों की नहीं होती जांच
मंगलवार को शाम के करीब साढ़े चार बजे थे। पार्किंग के पास आरपीएफ का जवान खड़ा था। प्लेटफॉर्म नंबर एक की तरफ मेन बिल्डिंग का स्वरूप बदलने का काम तेजी से चल रहा था। गेट नंबर दो और मुख्य प्रवेश द्वार पर आरपीएफ या जीआरपी का कोई जवान नहीं मौजूद था। गेट नंबर चार पर दो जीआरपी के जवान एक कोने में खड़े थे। यात्री स्टेशन के अंदर प्रवेश कर रहे थे। लगेज व बड़े-बड़े बोरे लेकर यात्री आसानी से स्टेशन के अंदर जा रहे थे। उनकी लगेज में क्या है इसकी पड़ताल करने वाला भी कोई नहीं।
हटा दिए गए सभी स्कैनर और मेटल डिटेक्टर
पूर्व में हनुमान मंदिर की तरफ से पटना जंक्शन में तीन प्रवेश द्वार पर लगेज स्कैनर और डोर मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। करबिगहिया की तरफ से भी इंट्री करने पर एक लगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। हर गेट पर जीआरपी के जवान भी तैनात रहते थे और यात्री गेट से गुजरने वाले यात्रियों को सामानों का स्कैन कराना पड़ता था। सूत्रों की मानें तो बार-बार लगेज स्कैनर खराब होने और जगह की कमी को देखते हुए स्टेशन पर पिछले साल सभी स्कैनर हटा दिए गए। साथ ही डोर मेटल डिटेक्टर भी हटा दिए गए। इसके बाद से पूरी व्यवस्था सुरक्षाकर्मियों और सीसीटीवी कैमरे के भरोसे है। रेलवे अधिकारियों का दावा है कि स्टेशन के हर कोने पर कैमरे लगे हैं, जिससे कंट्रोल रूम से चौबीस घंटे निगरानी होती है।
बनावट में करना होगा सुधार
रेल एसपी सुजीत कुमार ने कहा कि जंक्शन की बनावट ऐसी नहीं है, जिससे कि डोर मेटल डिटेक्टर का सही इस्तेमाल किया जा सके। स्टेशन पर आने जाने वाले हर संदिग्ध पर नजर रखी जाती है। लगातार चेकिंग होती है और सीसीटीवी से जंक्शन की हर गतिविधि पर कंट्रोल रूम में तैनात जवान चौबीस घंटे नजर रखता है।
सादे लिबास में रहते हैं जवान
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त चित्रेश जोशी कहा कि आरपीएफ और जीआरपी दोनों जंक्शन की सुरक्षा में तैनात रहती है। जरूरत पडऩे पर श्वान दस्ता और बम निरोधक दस्ता से पूरे जंक्शन की जांच कराई जाती है। सादे लिबास में भी आरपीएफ जवानों की तैनाती की गई है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें