भाजपा की रणनीति का अहम पड़ाव है गया रैली
पिछले महीने मुजफ्फरपुर में बेहद सफल रैली के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रविवार को गया में रैली भाजपा और राजग की विधानसभा चुनाव रणनीति की दृष्टि से अहम घटना है। यह राजग के तरकश के सबसे करिश्माई तीर माने जा रहे जीतन राम मांझी का शक्ति परीक्षण भी है।
पटना। पिछले महीने मुजफ्फरपुर में बेहद सफल रैली के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रविवार को गया में रैली भाजपा और राजग की विधानसभा चुनाव रणनीति की दृष्टि से अहम घटना है। राजग के तरकश के सबसे करिश्माई तीर माने जा रहे पूर्व मुख्यममंत्री जीतन राम मांझी के गृहनगर में आयोजित इस रैली में एक तरफ जहां खुद मांझी का शक्ति प्रदर्शन होगा, वहीं मंच पर मोदी के साथ मौजूद अमित शाह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्याक्ष लालू यादव पर भरपूर तल्खी के साथ हमला बोलेंगे।
मुजफ्फरपुर रैली में मांझी के ही प्रकरण का संदर्भ देते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार का डीएनए ही गड़बड़ है। इस कथन को बिहार की अस्मिता पर हमला बताते हुए महागठबंधन खेमा इसे भावनात्महक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। संभावना है कि इस मुद्दे पर आज गया रैली से महागठबंधन को करारा जवाब दिया जाएगा, लेकिन शायद पीएम मोदी खुद अपने को इस विवाद से दूर रखेंगे। राजग की तरफ से यह जिम्मेदारी आज अमित शाह और जीतन राम मांझी उठा सकते हैं। यह तय है कि राजग नेतृत्व लालू के जंगलराज का जिक्र करके मुख्यममंत्री नीतीश कुमार की तगड़ी घेराबंदी करेगा।
भाजपा विधानसभा चुनाव में मांझी और राम विलास पासवान को आगे करके दलित वोटबैंक को राजग के साथ संगठित रखना चाहती है। यह संयोग है कि गया रैली की पूर्वसंध्या पर जिन रामनाथ कोविंद को बिहार का नया राज्यपाल बनाने की घोषणा हुई, सामाजिक दृष्टि से वह भी अनुसूचित वर्ग का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। कहा जा रहा है कि राजग के दलित वोटबैंक को और पुख्ताव करने के लिए ही कोविंद को राज्यपाल बनाया गया है।