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साथ जी ना सके तो एक-दूसरे का हाथ थामा, ट्रेन से कटकर दे दी जान, जानिए

बेइंतहां प्यार करने वाले प्रेमी युगल के परिजन उनके रिश्ते से नाराज थे और दोनों को एकसाथ देखना नहीं चाहते थे। एक-दूसरे का हाथ थामा और चलती ट्रेेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 06:37 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 11:42 PM (IST)
साथ जी ना सके तो एक-दूसरे का हाथ थामा, ट्रेन से कटकर दे दी जान, जानिए
साथ जी ना सके तो एक-दूसरे का हाथ थामा, ट्रेन से कटकर दे दी जान, जानिए

सारण [जेएनएन]। एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करने वाले प्रेमी युगल साथ जीना चाहते थे लेकिन घर वालों के विरोध से आजिज आकर उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। दोनों रोते हुए घर से निकले और  छपरा-सिवान रेलखंड पर मंगलवार की सुबह रेलवे ढाला 62 सी के पास एक दूसरे का हाथ थामे  पैसेंजर ट्रेन के आते ही इंजन के आगे कूद गए।

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इस घटना में जहां प्रेमी की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं प्रेमिका गंभीर रूप से जख्मी हो गई, उसे स्थानीय लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक सुबह डाउन ट्रैक पर एकमा से चलकर दाउदपुर जा रही भटनी-छपरा पैसेंजर ट्रेन पूरी रफ्तार में थी। ट्रेन के आगे कूदते ही युवक का शव कटकर क्षत-विक्षत हो गया। जबकि युवती घायल होकर ट्रैक से दूर जा गिरी।

यह देखते ही घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। दाउदपुर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। लहूलुहान लड़की को उठाकर एकमा प्राथमिक केंद्र पहुंचाया गया। जहां हालत गंभीर देख प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया।

वहां से उसे सदर अस्पताल छपरा लाया गया। हालत नाजुक होने के कारण चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन, रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। थाना पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से दोनों की पहचान की है।

दोनों एकमा प्रखंड के माने गांव के रहने वाले थे। लड़की का भाई अर्जुन अपनी मामी इंदू देवी के साथ आया और उसकी पहचान माने गांव निवासी सुरेंद्र ठाकुर की 20 वर्षीय पुत्री अंजू कुमारी के रूप में की। वहीं मृत युवक माने गांव के ही रमेश पंडित का 22 वर्षीय पुत्र विनोद पंडित बताया गया है। 

इस संबंघ में ड्यूटी पर तैनात गेटमैन सिपाही राय ने बताया कि दोनों ने मरने का फैसला कर लिया था। इतने कम समय में सब कुछ हुआ कि कोई उन्हें नहीं बचा सका। उसने बताया कि मैं ट्रेन आने की सूचना मिलते ही फाटक बंद कर रहा था।

तभी देखा कि छपरा सिवान मुख्यमार्ग एनएच 85 की तरफ से दोनों आ रहे हैं। जब वे गेट पर आए तो ट्रेन भी काफी करीब पहुंच चुकी थी। देखते ही देखते दोनों एक दूसरे का हाथ थामे ट्रेन के आगे कूद गए। 


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