पारा मेडिकल छात्रों ने प्राचार्य कक्ष में जड़ा ताला, अनशन पर बैठे
स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारा मेडिकल की उपयोगिता कहीं से भी कम नहीं है।
पटना सिटी । स्वास्थ्य के क्षेत्र में पारा मेडिकल की उपयोगिता कहीं से भी कम नहीं है। बावजूद इसके, पारा मेडिकल विद्यार्थियों का न तो पठन-पाठन ठीक से होता है न ही परीक्षा समय पर होती है। दो से लेकर चार साल तक सेशन लेट है। भविष्य अंधकारमय है। विद्यार्थियों के लिए न ही छात्रावास है न ही छात्रवृति मिलती है। शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम होने के कारण कोर्स के दौरान विद्यार्थियों से आठ से दस घंटे बिना स्टाइपेंड दिए काम लिया जाता है। निजी पारा मेडिकल कॉलेजों पर सरकार का कोई लगाम नहीं है। इन कॉलेजों में विद्यार्थियों का शोषण जारी है। लूट मची है।
यह तमाम बातें बुधवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज में जमा हुए विभिन्न कॉलेजों के पारा मेडिकल छात्र-छात्राओं ने आक्रोश जताते हुए कहीं। राज्य पारा मेडिकल छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले जमा विद्यार्थियों ने संयोजक भरत भूषण के नेतृत्व में कॉलेज परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। परिसर स्थित पारा मेडिकल परीक्षा नियंत्रक एवं प्राचार्य के कक्ष में ताला जड़ दिया। प्रशासनिक भवन के बाहर विद्यार्थी अनशन पर बैठ गए। यह मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। देर रात तक कॉलेज के अंधेरे परिसर में जमा दर्जनों विद्यार्थियों का आंदोलन जारी रहा।
भरत भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री से लेकर प्रधान सचिव व अन्य आला अधिकारियों से मांगें पूरी किए जाने को लेकर कई बार आश्वासन मिला, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है। आंदोलन में सनी कुमार ¨सह, अंजली कुमारी, नीतीश राहुल, भागीरथ, सूर्यकांत, मोहन दिग्विजय आशुतोष, नंदन, चंदन, ¨रकी, सुमन, काजल, मोनी, वीणा समेत अन्य थे।
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परीक्षा नियंत्रक बोले-आज करेंगे बात
नालंदा मेडिकल कॉलेज में एफएमटी के विभागाध्यक्ष सह परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुक्ति नाथ ¨सह ने कहा कि हाल में हुई पारा मेडिकल व फार्मेसी की परीक्षा का रिजल्ट 13 व 15 सितंबर को जारी हो जाएगा। सभी पारा मेडिकल कॉलेज से पें¨डग परीक्षा का विवरण मांगा गया है, ताकि परीक्षा कराई जा सके। नामांकन में एकरूपता नहीं होने के कारण एकेडमिक कैलेंडर जारी करने में समस्या आ रही है लेकिन प्रयास जारी है। मांगें पूरी करने को लेकर मंत्री से लेकर प्रधान सचिव तक प्रयासरत हैं। आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं से बुधवार को बातचीत कर उन्हें समझाया जाएगा।