‘हनी ट्रैप’ में फंसाने वाली महिला निकली पाकिस्तानी ISI एजेंट, FB पर बना रखा था 15 अकाउंट Patna News
पटना में चर्चित ‘हनी ट्रैप’ में जवानों को फंसाकर सेना की जानकारी हासिल करने वाली महिला का खुलासा हो गया है। वो झारखंड की नहीं पाकिस्तान की आइएसआइ एेजेंट थी।
पटना, जेएनएन। राजधानी में चर्चित ‘हनी ट्रैप’ में फंसाकर सेना की जानकारी हासिल करने वाली महिला झारखंड की नहीं, बल्कि पाकिस्तान की है। उसने 10-15 फर्जी फेसबुक अकाउंट बना रखे थे। इससे वह सेना के जवानों से संपर्क कर मीठी-मीठी बातें कर गोपनीय जानकारी हासिल कर लेती है। गोपनीय सूचना लीक करने के आरोप में सेना के जवान सुरजीत सिंह के विरुद्ध कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की कार्रवाई हो रही है।
सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच में पता चला है कि पाकिस्तान की रहने वाली महिला ने झारखंड के नाम से फेसबुक आइडी बना रखी थी। उसने अलग-अलग फेसबुक आइडी पर दूसरे फोटो लगा रखे थे। इसके लिए महिला सबसे पहले जवानों से उनकी आइडी की मांग करती थी। इसके बाद जानकारी लेने लगती थी। महिला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़ी है, मेजर रैंक की अधिकारी है। इसकी गहन जांच कराई जा रही है। जांच में कई अहम जानकारी के मिलने की संभावना है।
सिख रेजीमेंट का है आरोपित
आरोपित जवान सुरजीत सिंह सिख रेजीमेंट का है। सैनिक को सब-एरिया मुख्यालय से हटाने के बाद उससे पूछताछ की जा रही है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जवान को लखनऊ में रखकर पूछताछ की जा रही है। आर्मी इंटेलिजेंस ब्यूरो भी जांच में जुटी है। आरोप है कि फेसबुक पर महिला से जुड़कर उसने सेना के बारे में गोपनीय जानकारी दी है। मामले में सेना का कोई सक्षम पदाधिकारी कुछ बोलने से बच रहा है।
मेजर की वर्दी में मिलता था अकबर
सेना भर्ती के नाम पर दलाली करने वालों में अंतरराज्यीय गिरोह सक्रिय है। दानापुर में जिस तरह अभ्यर्थियों से ठगी की गई, कुछ इसी तरह का मामला लखनऊ में भी सामने आया था। पिछले दिनों आर्मी इंटेलिजेंस ब्यूरो ने लखनऊ से गिरोह के मो. अनवर (भागलपुर) और मो. अकबर (कोलकाता) को गिरफ्तार किया गया था। बहाली के नाम पर दर्जनभर अभ्यर्थियों से ठगी की गई थी।
लखनऊ में भर्ती के नाम पर ठगते थे
दोनों बिहार व दूसरे प्रदेशों के युवाओं को बहाली कराने के नाम पर लखनऊ में बुला भर्ती के नाम पर पैसे ठग लेते थे। सूत्रों के अनुसार, अभ्यर्थियों को झांसे में लेने के लिए वे सभी को होटल में बुलाते थे। यहां सेना के मेजर की पोशाक में कोलकाता निवासी मो. अकबर मौजूद रहता था। गिरोह के सदस्य अभ्यर्थियों को मेजर से मिलाने की बात कह एक-एक कर कमरे में भेजते थे। इसके लिए अनवर लगातार अभ्यर्थी की तलाश में रहता था। अक्सर वह जहां सेना भर्ती होती थी, वहां चला जाता था और अभ्यर्थियों से सौदा करता था। अकबर को वह सेना का मेजर बताकर मिलवाता था।
मेडिकल जांच के नाम पर ठग लेते थे 50 हजार
मो. अनवर और मो. अकबर सेना में भर्ती की गारंटी देते हुए युवकों से पैसे वसूलते थे। कुछ अभ्यर्थियांे को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा देते थे। कुछ सेना के जवानों को भी दोनों ने मिला रखा था। उन्हें फर्जी तरीके से मेडिकल जांच के लिए बुलाते थे और इसके बदले 50 हजार रुपये प्रति अभ्यर्थी से लेते थे। अभ्यर्थियों को मेडिकल फिट होने का फर्जी सर्टिफिकेट भी दे देते थे।