धरोहरों को कैनवास पर उतारकर मनाया विश्व विरासत दिवस
विश्व विरासत दिवस के मौके पर गुरुवार को बिहार म्यूजियम सभागार में छात्रों के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
By Edited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 11:06 AM (IST)
पटना। विश्व विरासत दिवस के मौके पर गुरुवार को बिहार म्यूजियम सभागार में छात्रों के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कुल 50 छात्रों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने बिहार म्यूजियम में रखी धरोहर को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता की शुरुआत म्यूजियम के निदेशक युसूफ ने की। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन युवाओं को इतिहास से जोड़ने में बहुत मददगार होते हैं। साथ ही चित्रकारी के माध्यम से इन धरोहरों को भी एक अलग लुक से देखने का मौका मिलता है।
सबसे ज्यादा छात्रों ने बनाई यक्षिणी की मूर्ति
इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा युवाओं ने इतिहास गैलरी में रखी हुई यक्षिणी की मूर्तियों को पसंद किया। 15 कलाकारों ने अपने-अपने तरीके से यक्षिणी को कैनवास पर उकेरा। किसी ने पेंसिल से स्केच बनाया तो किसी ने पेंट-ब्रश के साथ अपनी पेंटिंग को खास बनाया। बुद्ध की मूर्ति को मिला अलग-अलग रूप : आर्ट कॉलेज के विद्यार्थियों ने सबसे ज्यादा बुद्ध की मूर्ति को पसंद किया। कॉलेज के विद्यार्थी नीरज बताते हैं कि हमने अपनी पसंद से बुद्ध की मूर्ति को चुना है। हम इस मूर्ति के अलग-अलग काल को बनाने वाले हैं। वहीं निशा और रमन ने बोधगया से आई बुद्ध की मूर्ति का खूबसूरत स्केच तैयार किया। बाकी धरोहरों में भी दिखी कलाकारों की रूचि : इस प्रतियोगिता में म्यूजियम में रखी बाकी धरोहरों को भी कलाकारों ने कैनवास पर उतारने की कोशिश की। इतिहास गैलरी ए से लेकर गैलरी सी तक कलाकारों की भीड़ देखने को मिल रही थी।
सबसे ज्यादा छात्रों ने बनाई यक्षिणी की मूर्ति
इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा युवाओं ने इतिहास गैलरी में रखी हुई यक्षिणी की मूर्तियों को पसंद किया। 15 कलाकारों ने अपने-अपने तरीके से यक्षिणी को कैनवास पर उकेरा। किसी ने पेंसिल से स्केच बनाया तो किसी ने पेंट-ब्रश के साथ अपनी पेंटिंग को खास बनाया। बुद्ध की मूर्ति को मिला अलग-अलग रूप : आर्ट कॉलेज के विद्यार्थियों ने सबसे ज्यादा बुद्ध की मूर्ति को पसंद किया। कॉलेज के विद्यार्थी नीरज बताते हैं कि हमने अपनी पसंद से बुद्ध की मूर्ति को चुना है। हम इस मूर्ति के अलग-अलग काल को बनाने वाले हैं। वहीं निशा और रमन ने बोधगया से आई बुद्ध की मूर्ति का खूबसूरत स्केच तैयार किया। बाकी धरोहरों में भी दिखी कलाकारों की रूचि : इस प्रतियोगिता में म्यूजियम में रखी बाकी धरोहरों को भी कलाकारों ने कैनवास पर उतारने की कोशिश की। इतिहास गैलरी ए से लेकर गैलरी सी तक कलाकारों की भीड़ देखने को मिल रही थी।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें