इंसानों के आदर्श और इंसानियत की मिसाल हैं मोहम्मद साहब
इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की यौमे पैदाइश पर उत्साह
पटना सिटी। इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की यौमे पैदाइश यानी ईद-मिलादुन्नबी के अवसर पर मंगलवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में खानकाहों एवं धार्मिक संगठनों द्वारा काफिला निकाला गया। कई खानकाहों में मोहम्मद साहब के मोए मुबारक की जियारत कराई गई। यहां बड़ी संख्या में महिला-पुरुष अकीदतमंद उमड़े। शाम में अंजुमन ए मोहम्मदिया द्वारा बेलवरगंज से जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया।
काफिला में हजारों की संख्या में मोहम्मद साहब के दीवाने शरीक हुए। सिर पर हरी पगड़ी। हाथों में हरा झंडा और जबान पर प्यारे नबी का नाम था। अशोक राजपथ के रास्ते देर तक यह काफिला मंगल तालाब स्थित उर्दू मैदान पहुंचा। खानकाह इमादिया मंगल तालाब के सज्जादानशीं सैयद शाह मिस्बाहुल हक इमादी ने मोहम्मद साहब को दुनिया के सभी इंसानों का आदर्श और इंसानियत की मिसाल बताया। अंजुमन के अध्यक्ष मोहम्मद शमशाद, सचिव मेराज जिया ने जुलूस का नेतृत्व किया। सभी एक-दूसरे को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दे रहे थे। जुलूस में सैयद वजीहउद्दीन, समी अहमद, आसिम सिद्दीकी, मो. परवेज, मो. जावेद, बलराम चौधरी, इबरार रजा, मो. अली, प्रो. शमसुल हसन समेत अन्य सक्रिय रहे।
सीरत कांफ्रेंस में पूरी रात हुई तकरीर, दुआ में सब रो पड़े
मंगल तालाब स्थित उर्दू मैदान में देर रात सीरत कांफ्रेंस हुई। इसमें पैगम्बर मोहम्मद साहब के जीवन एवं संदेशों पर उलेमाओं ने विस्तार से तकरीर किया। नागपुर के मौलाना सैयद आलमगीर अशरफी, कोलकाता के मौलाना सैयद महताब आलम अशरफी, हाफिज अब्बास रिवजी नूरी आदि ने तकरीर कर मोहम्मद साहब को दुनिया के सभी इंसानों का आदर्श और इंसानियत के लिए मिसाल बताया। संचालन भागलपुर से आये डॉ. तारिक अनवर ने किया।
पटाखा जलाने व डीजे बजाने पर आलिम हुए नाराज
सिटी : ईद मिलादुन्नबी पर जैसे ही जुलूस ए मोहम्मदी का आगाज हुआ उसी समय पटाखा जलाने से संरक्षक खानकाह इमादिया मंगल तालाब के सज्जादानीश व प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षाविद सैयद शाह मिस्बाहुल हक इमादी नाराज होकर लौट गए। उन्होंने दुआ करने से इनकार कर दिया। बिना दुआ के ही जुलूस निकला। श्री इमादी ने बातचीत में कहा कि पैगम्बरे रसूल की याद में निकाले गए इस पाक जुलूस में पटाखा छोड़ा जाना और डीजे बजाना गैर इस्लामिक है। यह शरियत के खिलाफ है। ऐसी कोशिशों को रोका जाना बेहद जरूरी है।