Bihar News: बिहार में धान खरीद की गति 15 गुना तेज, अब तक नहीं मिली एक भी किसान की शिकायत
Paddy Procurement in Bihar बिहार में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीदने की गति इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक है। अब तक 2 लाख 24 हजार से ज्यादा धान खरीद हो चुकी है। यह मात्रा पिछले साल की तुलना में 15 गुणा ज्यादा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Paddy Procurement in Bihar: बिहार में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीदने की गति इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक है। अब तक 2 लाख 24 हजार से ज्यादा धान खरीद हो चुकी है। यह मात्रा पिछले साल की तुलना में 15 गुणा ज्यादा है। गत वर्ष 6 दिसंबर तक 15 हजार 46 टन धान खरीद हुई थी। राज्य के खाद्य सचिव विनय कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में धान खरीद की प्रक्रिया तेज हो चुकी है। मंडियों पर नजर रखी जा रही है ताकि किसानों को कोई परेशानी नहीं हो। उन्होंने बताया कि जहां कहीं धान खरीद कम होने की सूचना प्राप्त हो रही है, संबंधित जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
अब तक 30 हजार से ज्यादा किसान धान बेच चुके हैं और उनमें से 18 हजार 571 किसानों को 270 करोड़ 96 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। शेष किसानों को पैसे भुगतान जल्द करने का निर्देश दिया गया है। अब तक किसी जिले से धान खरीद के मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। अब तक 7 हजार 44 केंद्रों पर धान खरीद हो रही है। वैसे राज्य में कुल 816 पैक्सों व व्यापार मंडलों को धान खरीद हेतु सक्रिय किया जा चुका है। पैक्सों से संबद्ध 150 मिलों में चावल तैयार कराया जा रहा है और इस चावल को राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति के लिए पहले से निर्देश दिया हुआ है। वैसे राज्य में निबंधित 1513 मिलों में चावल तैयार करने की व्यवस्था की गई है।
- बिहार में अब तक 2 लाख 24 हजार टन धान की हुई खरीद
- पिछले वर्ष 6 दिसंबर तक 15 हजार 46 टन धान खरीद हुई थी
- 18 हजार 571 किसानों को 270 करोड़ रुपये हो चुका भुगतान
25 जिलों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बन रही योजना : मंत्री
राज्य के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि अभी 13 जिलों में किसान जैविक खेती कर रहे हैं। इस योजना को प्रोत्साहित करने के लिए 25 अन्य जिलों में भी जैविक खेती को बढ़ावा देने की नई योजना पर सरकार काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि इस योजना के प्रारंभ होने पर गैर जैविक कारिडोर के 25 जिलों के इच्छुक किसानों को जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से साढ़े 11 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सी-1 प्रमाण पत्र प्राप्त किसानों को दूसरे वर्ष का सी-2 प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया चल रही है। कृषि विभाग के अंतर्गत बिहार सीड एंड आर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी द्वारा राज्य में की जा रही जैविक खेती के अलावा राज्य के बाहर जैसे प. बंगाल एवं महाराष्ट्र में जैविक प्रमाणीकरण के लिए वार्ता चल रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य जैविक मिशन का गठन किया गया है। राज्य में बसोका के अधीन एक आदर्श जैविक प्रक्षेत्र की स्थापना फतुहा (पटना) स्थित औद्योगिक क्षेत्र में की गई है। इस प्रक्षेत्र के अंतर्गत राज्य के किसान जैविक खेती की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। बसोका द्वारा 1496 जैविक उत्पादों का रेसिडयु जांच कराई गई है। जिसमें जिसमें बेगूसराय में दो और समस्तीपुर में एक नमूने अमानक पाए गए हैं। उन्हें जैविक प्रमाणन के अगले वर्ष के लिए सी-2 प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समस्तीपुर, नालंदा, खगडिय़ा, सारण, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, भागलपुर, मुंगेर, भोजपुर, बक्सर, कटिहार और पटना के 188 किसान उत्पादक संगठनों के 21185 किसानों द्वारा 18036.61 एकड़ क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है।