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सरकारी संपत्ति को बर्बाद करने में अपना ही नुकसान

संपूर्ण कल्याण विकास समिति (सकविस) द्वारा मिथिलेश कुमार पांडेय द्वारा लिखित नाटक ने दिया बड़ा संदेश

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 01:25 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 01:25 AM (IST)
सरकारी संपत्ति को बर्बाद करने में अपना ही नुकसान
सरकारी संपत्ति को बर्बाद करने में अपना ही नुकसान

पटना। संपूर्ण कल्याण विकास समिति (सकविस) द्वारा मिथिलेश कुमार पांडेय द्वारा लिखित एवं ज्ञानी प्रसाद द्वारा निर्देशित नुक्कड़ नाटक 'बंद का रंग' की सफल प्रस्तुति स्थानीय दल्लुचक बाजार खगौल में की गई। नाटक की शुरुआत एक सुंदर गीत से होती है।

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अजीब विडंबना है कि आए दिन हम बंद करते हैं और सरकारी चीजों को अपना निशाना बनाते हैं। उस समय तो हम बंदी कराने के लिए नशे में चूर रहते हैं। यही सोचते हैं कि सरकारी व्यवस्था पर चोट कर रहे हैं और सरकार का नुकसान कर रहे हैं। शायद यह पता नहीं है कि हम अनजाने में अपने ही पाव पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। सरकारी जो भी सामान है, उसका आधार हम ही हैं। वो कहीं न कहीं हमारे सहयोग से ही काबिज हैं। हमारे ही द्वारा दिए गए टैक्स से सरकार अपना ढाचागत विकास करती है और हम बेवकूफ अपने द्वारा प्रदत्त सामान को तोड़-फोड़ दे रहे हैं। यह तो अनजाने में आत्महत्या करने के बराबर है। सरकार को जो राजस्व प्राप्त होता है, वो हमारे और आपकी जेब के माध्यम से ही तो जाता है। तो अपने सामानों की रक्षा करें या उसे बर्बाद करें। उपरोक्त विषयों को समावेशित करते हुए सकविस के कलाकारों ने समाज के प्रति संवेदना रखते हुए इस नाटक का सफल प्रदर्शन किया और दर्शकों ने इस विषय पर नाटक करने हेतु कलाकारों की भूरि- भूरि प्रशसा की।

नाटक के अंत में संस्था के महासचिव ज्ञानी प्रसाद ने बंद के नुकसान बताते हुए विरोध के दूसरे तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। नाटक के कलाकार विजय कुमार सिन्हा, अंबिका प्रसाद सिन्हा, मिथिलेश कुमार पांडेय, सुरेश विश्वकर्मा, चंद्रदेव प्रसाद, दीपनारायण शर्मा 'दीपक', ज्ञानी प्रसाद, इंद्रजीत गोस्वामी, देवानंद, ललित किशोर प्रणामी, बादल कुमार, सूरज कुमार, लक्ष्मण अकेला, सिकंदर राम, अजय कुमार सिंह आदि ने दमदार अभिनय पेश किया।


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