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मिशन 2019: राजद-कांग्रेस से छोटे दलों ने कह दिया है, नहीं करें दाएं-बाएं

सीट बंटवारे के मुद्दे पर पहले खरमास फिर कांग्रेस की रैली और अब NDA के पहलवानों के मैदान में उतरने का इंतजार कर रहे RJD-कांग्रेस भले ही जल्दी में नहीं हैं पर छोटे दल चिंतित हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 09:39 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 09:39 PM (IST)
मिशन 2019: राजद-कांग्रेस से छोटे दलों ने कह दिया है, नहीं करें दाएं-बाएं
मिशन 2019: राजद-कांग्रेस से छोटे दलों ने कह दिया है, नहीं करें दाएं-बाएं

पटना [जेएनएन]। सीट बंटवारे के मुद्दे पर पहले खरमास, फिर कांग्रेस की रैली और अब एनडीए के पहलवानों के मैदान में उतरने का इंतजार कर रहे बिहार महागठबंधन के बड़े दल राजद और कांग्रेस को भले ही जल्दी नहीं है, लेकिन छोटे सहयोगी दलों ने आर-पार का संकेत दे दिया है। जीतनराम मांझी के हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के बाद वामदलों एवं समाजवादी पार्टी ने एक मोर्चा बनाकर दोनों बड़े दलों पर दबाव बढ़ा दिया है। मोर्चा में शामिल दलों ने राजद और कांग्रेस नेतृत्व को दाएं-बाएं नहीं करने की नसीहत दी है। 

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नौ मार्च को इस मोर्चे की दोबारा बैठक होने वाली है। उसके पहले तक मामला नहीं सुलझा तो नए रास्ते की तलाश भी की जा सकती है। हफ्ते भर पहले इस मोर्चे ने पटना में संयुक्त बैठक कर दोनों बड़े दलों को चेताया था कि सीट बंटवारे में टालमटोल नहीं करके हैसियत के हिसाब से सबकी हिस्सेदारी तय कर दी जाए। 

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव के आवास पर बैठक के बाद नेताओं ने राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह को अपनी भावना एवं आगे की रणनीति से अवगत कराया था। मोर्चा ने रघुवंश को तीन-चार दिनों के भीतर सीट बंटवारे का फार्मूला तय करने का अल्टीमेटम देते हुए कहा गया था कि अगर समय पर सबकुछ साफ नहीं हुआ तो महागठबंधन का नुकसान तय है। अवधि खत्म होने के बाद अब दूसरी बैठक में आर-पार की तैयारी है। 

सहयोगी दल के नेता बार-बार रांची का चक्कर लगा रहे हैं। लालू प्रसाद यादव से मुलाकात हो रही है, लेकिन सीट बंटवारे की बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने रांची जाकर लालू से 19 जनवरी को ही अपनी पार्टी की मंशा से अवगत करा दिया था। डेढ़ महीने के बाद भी उस मांग पर किसी तरह के विचार करने की खबरें नहीं आ पाई हैं। 

लालू से डी राजा की मुलाकात से चार दिन पहले 15 जनवरी को राजद नेता तेजस्वी यादव ने मायावती के जन्मदिन के बहाने लखनऊ जाकर सपा-बसपा को बिहार में महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था। उस पर भी बात नहीं बढ़ पाई है। मायावती की पार्टी ने तो बाकायदा प्रेस कान्फ्रेंस करके बिहार की सभी संसदीय सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने का ऐलान भी कर दिया है। किंतु अन्य दल अभी असमंजस में हैं। यहां तक कि जो दल महागठबंधन में पहले ही शामिल हो चुके हैं, वह भी अभी दोराहे पर हैं। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और शरद यादव का लोकतांत्रिक जनता दल को भी नहीं पता कि उन्हें कितनी और कौन-कौन सी सीटें मिल रही हैं। 


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