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Bihar News: वंचित समाज के लिए काम करने वाली संस्था व व्यक्ति होंगे सम्मानित, मिलेंगे एक करोड़ रुपये

व्यक्तियों संस्थाओं को संस्कृति पर्यटन एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करेगा। इसके तहत चयनित व्यक्ति अथवा संस्था को एक करोड़ रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। केंद्र ने राज्य सरकार से नाम मांगे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Apr 2022 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 07 Apr 2022 04:20 PM (IST)
Bihar News: वंचित समाज के लिए काम करने वाली संस्था व व्यक्ति होंगे सम्मानित, मिलेंगे एक करोड़ रुपये
संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करेगा। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : सुविधाओं से वंचित समाज के लिए काम करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं को संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करेगा। अहिंसात्मक, गांधीवादी तरीके से अभिवंचित वर्ग के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली संस्था और व्यक्ति के नाम अनुशंसा केंद्र सरकार ने राज्य से मांगी है। राज्य सरकार से आग्रह किया गया है कि संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान यदि राज्य में हैं तो उनके नाम संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय को हर हाल में 31 अप्रैल तक  मुहैया करा दें। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक आग्रह पत्र भेजा था। उसके बाद राज्य मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से सभी प्रमंडलों के आयुक्तों के साथ ही जिलाधिकारियों को एक दिशा निर्देश जारी कर जिलों से उनकी अनुशंसा आमंत्रित की है। जिलों से हर हाल में 30 अप्रैल तक नामों की अनुशंसा मांगी गई है। 

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केंद्र सरकार की ओर से राज्य को भेजे पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार मार्च 2021 से आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पूर्व यह महोत्सव प्रारंभ हुआ है जो 15 अगस्त, 2023 को संपन्न होगा। गांधी शांति पुरस्कार 2022 इस महोत्सव का प्रतिपूरक सिद्ध होगा। इसके जरिए महात्मा गांधी को पूरे विश्व में शांति और अहिंसा के पक्ष में किए गए मानवतावादी प्रयासों के प्रेरणास्रोत के रूप में पुन: प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि गांधी शांति पुरस्कार की शुरुआत 1995 में की गई थी। यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जिसके तहत चयनित व्यक्ति अथवा संस्था को एक करोड़ रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। अब तक यह पुरस्कार तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डा. जूलियस नीरेरे, जर्मनी के डा. गेरहार्ड फिशर, रामकृष्ण मिशन, बाबा आमटे, डा. नेल्सन मंडेला, चंडी प्रसाद भट्ट, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को दिया जा चुका है। 


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