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Bihar Assembly Budget Session: विपक्षी विधायकों का आंखों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन, सदन का किया बहिष्‍कार

Bihar Assembly Budget Session मंगलवार को सदन में हुई घटना के बाद बुधवार को भी विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा। राजद कांग्रेस और वामदल के विधायकों ने सदन का बहिष्‍कार किया। इस दौरान आंखों पर काली पट्टी बांधकर परिसर में प्रदर्शन किया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 12:08 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 08:48 PM (IST)
Bihar Assembly Budget Session: विपक्षी विधायकों का आंखों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन, सदन का किया बहिष्‍कार
विधानसभा परिसर में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते विपक्षी दलों के विधायक। जागरण

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में मंगलवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुए हंगामे का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले राजद-कांग्रेस और वामपंथी दल के विधायकों ने सदन परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष के नेता अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। वे सदन के अंदर नहीं जाकर परिसर में प्रदर्शन करते रहे और समानांतर सदन चलाते रहे।

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अजीत शर्मा ने कहा- इतिहास के पन्‍ने में जुटा काला अध्‍याय

विधानमंडल परिसर में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि मुख्‍यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar)  इस राज्य में निरंकुश तरीके से शासन चलाना चाहते है। इतिहास में आज तक एक भी ऐसी घटना नहीं हुई है जब संसद या किसी राज्य की विधानसभा में पुलिस का प्रवेश हुआ हो। लेकिन भाजपा के हाथों बिक चुके नीतीश कुमार ने इतिहास के पन्नों में काला अध्‍याय जोड़ दिया है। कई अन्‍य विधायकों ने भी मंगलवार की घटना की निंदा की। इसके लिए पूरी तरह से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्‍मेदार ठहराया।

सदन की घंटी बजने के बाद भी टस से मस नहीं हुए सदस्‍य

राजद, वामपंथी दलों और कांग्रेस सदस्यों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि आज कोई सदस्य सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे। विपक्ष के प्रदर्शन के बीच सदन की घंटी बज गई लेकिन विपक्ष के विधायक टस से मस नहीं हुए। बाद में ये नेता परिसर में ही धरना पर बैठ गए। पूरी तरह से परिसर में गहगामहमी की स्थिति बनी रही। बता दें कि मंगलवार की घटना के बाद बुधवार को विधानसभा परिसर पूरी तरह से पुलिस छावनी बना रहा। पटना के डीएम व एसएसपी खुद स्थिति की समीक्षा करने पहुंचे। हालांकि मुआयना करने के थोड़ी देर बाद वे लौट गए। 


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