Budget पर सियासत: CM नीतीश-माेदी ने किया स्वागत तो लालू-मांझी ने कही ये बात
केंद्र सरकार द्वारा पेश आम बजट पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है। पक्ष-विपक्ष के बयानों पर आइए डालते हैं नजर।
पटना [जेएनएन]। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को अंतरिम आम बजट पेश किया। इसके बाद बजट पर सियासत शुरू हो गई। बिहार में भी पक्ष-विपक्ष में खूब बयानबाजी हुई। कांग्रेस व राजद ने इसे चुनावी बजट बताया है। बजट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव टकराते दिखे। नीतीश ने जहां इसे सकारात्मक बताया, वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने तंज कसते हुए इसे 'जुमलों का बाजार' करार दिया। उधर, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बजट को दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक बताया।
बजट सकारात्मक एवं स्वागतयोग्य : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि यह बजट सकारात्मक एवं स्वागतयोग्य है। बजट में देश के सभी किसानों के खाते में सीधे हर साल छह हजार रुपये देने का फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बजट में असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को प्रति माह तीन हजार रुपये पेंशन के प्रावधान को भी मुख्यमंत्री ने सही कदम बताया है। मुख्यमंत्री ने आयकर की सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख किये जाने को बेहतर कदम बताते हुये कहा कि इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।
भाजपा ने बजट को बताया सर्वहितकारी, सुशील मोदी ने कहा: सर्जिकल स्ट्राइक जैसा
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसे 2019-20 के बजट से विपक्ष की बोलती बंद है। नरेंद्र मोदी के बजट में किसानों, श्रमिकों, असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों व मध्यम वर्ग का खास ख्याल रखा है, जिसका सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे राज्य को मिलेगा, जहां 91 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान हैं।
मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग के लोगों की आयकर की सीमा 2.5 लाख से बढ़ा कर 5 लाख करने से बड़ी राहत मिली है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 से बढ़ा कर 50 हजार करने से नौकरीपेशा लोगों को भी राहत मिली है। बैंक तथा पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर मिलने वाले 40 हजार तक के ब्याज को टीडीएस से मुक्त करने तथा किराया से प्राप्त आय पर टीडीएस की सीमा को 1.80 लाख से बढ़ा कर 2.40 लाख करने से महिलाओं, बुजुर्गों व मध्यम वर्ग को लाभ मिलेगा।
पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने केंद्रीय बजट को सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में हर व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ राहत दी गई है। सांसद आके सिन्हा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने नौकरीपेशा और मध्य वर्ग को आयकर में इतनी बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा यह विपक्ष के होश उड़ा देने वाला बजट है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बजट सर्वहितकारी है।
पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र ने कहा यह बजट जनआकांक्षाओं के अनुरूप सर्वजन कल्याणकारी है। पूर्व मंत्री सीता सिन्हा ने कहा कि इस बजट से 10 करोड़ मजदूरों को फायदा होगा। प्रदेश प्रवक्ता सुरेश रूंगटा ने कहा कि हर किसी को कुछ न कुछ राहत देने वाला यह बजट है।
अंतरिम बजट को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गांव, गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग को समर्पित बताया। उन्होंने कि इसमें सरकार ने सभी वर्गों का ध्यान रखा है। यह बजट देश के विकास के रथ को आगे बढ़ाने का काम करेगा। बजट में किसानों और मध्यवर्गीय लोगों को भारी राहत देते हुए सरकार ने संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के लोगों के अलावे व्यापारियों के लिए भी आयकर एवं जीएसटी में बड़ा बदलाव किया है। रक्षा और स्वास्थ्य के अलावे एक लाख गांवों को डिजीटल बनाने का निर्णय देष के विकास में सहायक साबित होगा।
मंगल पांडेय ने कहा कि किसानों के सशक्तिकरण में निवेश नरेन्द्र मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है और वो इस बार के बजट में दिखाई दे रहा है। मोदी सरकार देश के किसानों के लिए समर्पित है और 5 वर्षों में सरकार ने यह करके दिखाया है।
लोजपा ने बजट को कहा ऐतिहासिक
लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह ऐतिहासिक बजट है। जनता की आशा और आकांक्षा के अनुरूप है यह बजट। मध्यम वर्ग के लिए आयकर की सीमा ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए किया जाना स्वागत योग्य कदम है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अन्नदाताओं के लिए क्रांतिकारी कदम है।
लालू का ट्वीट- झूठ की टोकरी व जुमलों का बाजार है बजट
बजट पेश होने के बाद राजद अध्यक्ष लालू यादव ने ट्वीट कर इसे जुमला करार दिया। लालू के लिखा है कि ये बजट नरेंद्र मोदी का आखिरी बजट होगा। साथ ही लिखा है कि झूठ की टोकरी व जुमलों का बाजार में सजाने का कोई फायदा नहीं है। लोग अब जुमले सुनते ही नहीं, बल्कि समझते भी हैं। समझ कर मुस्कुराते ही नहीं, बल्कि ठहाका लगाते हैं।
तेजस्वी बोले- बजट अनैतिक
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट के नाम पर मोदी सरकार ने संसदीय परंपरा और नैतिकता के विरूद्ध काम किया है। जो भी घोषणाएं हैं, उन्हें आगामी सरकार ने लागू करना है। यह जनता के साथ छलावा है। अगर जनता की इतनी ही फ़िक्र थी तो पांच साल से पकौड़े क्यों तल रहे थे?
कांग्रेस ने बताया दिशाहीन व चुनावी बजट
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने बजट को दिशाहीन बताया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी पराजय का सामना करना पड़ा और अब केंद्र की भाजपा सरकार का कार्यकाल समाप्ति पर है। अब किसानों, छात्रों, नौजवानों, मजदूरों को लुभाने की कोशिश की गयी है। उन्होंने कहा कि बजट से इन वर्गों को कोई फायदा नहीं होगा। कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार की आहट से परेशान केंद्र सरकार ने यह चुनावी बजट पेश किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने इसे चुनावी बजट करार देते हुए कहा, यह सिर्फ घोषणाओं भरा है। लोकसभा चुनाव देखकर घोषणाएं की गईं हैं। कांग्रेस नेता ने पूछा कि आयकर स्लैब में जब आठ लाख वाले को पिछड़ा समझा गया है तो पांच लाख की ही छूट क्यों? साथ ही किसानों को भी सिर्फ सब्जबाग दिखाए गए हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- चुनावी भाषण है बजट
रालोसपा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बजट पूर्णत: युवा विरोधी एवं किसानों को गुमराह करने वाला है। बजट में गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की कोई कोशिश नहीं की गई है। इसमें न तो रोजगार सृजन के उपायों का कोई प्रस्ताव है और न ही किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने हेतु कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योगों की स्थापना का कोई प्रावधान है।
जीतनराम मांझी ने कहा चुनावी जुमला है बजट
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी बजट को निराशाजनक बताया है और कहा है कि ये सिर्फ चुनावी भाषण है और इसमें जितने भी प्रस्ताव दिए गए हैं, वे जुमलाें के अलावा कुछ नहीं हैं। उन्होंने आयकर में पांच लाख रुपये तक की छूट को कम बताते हुए कहा कि इसे आठ लाख रुपये तक किया जाना चाहिए था। मांझी ने किसानों के लिए छह हजार रुपये पेंशन योजना को भी जुमला करार दिया है।
अंतरिम बजट जनविरोधी : भाकपा
भाकपा के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट को जनविरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट देश के सामने मौजूद कृषि संकट, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जनपक्षीय सवालों का हल खोजने में पूरी तरह असफल है। इस बजट से जनता की परेशानी और बढ़ेगी।
जनता को बहलाने का बजट : माकपा
माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा है कि बजट जनता को बहलाने का प्रयास है पर जनता मोदी सरकार को सत्ता से हटाने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि बजट में एक तरफ मध्य वर्ग को बहलाने के लिये टैक्स स्लैब को ढ़ाई लाख से 5 लाख किया गया, लेकिन इसी की आड़ में कारपोरेट टैक्स 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
आमलोगों से छलावा : माले
भाकपा माले ने केन्द्र सरकार द्वारा पेश अंतरिम बजट को मजदूर-किसानों व आम लोगों से छलावा बताया है। माले के राज्य सचिव कुणाल कहा कि बजट में मजदूर-किसानों और आमलोगों की घोर उपेक्षा की गयी है। रोजगार, न्यूनतम मजदूरी व रोजगार के नए अवसरों के सृजन पर बजट में कुछ भी नहीं है।