हथुआ मार्केट की लौटी रौनक, बिल्डर के लिखित आश्वासन पर खुली दुकानें
पटना के हथुआ मार्केट की रौनक लौट आई है। पायलिंग के दौरान हुए नुकसान की भरपाई कर ली गई है। इसके लिए बिल्डर ने लिखित आश्वासन दिया है।
पटना, जेएनएन। हथुआ मार्केट की बंद तीस दुकानें सोमवार को खुल गईं। लिहाजा मार्केट में रौनक लौट आई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अल्फा बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के मालिक सह बिल्डर नौशाद आलम और हथुआ मार्केट के व्यवसायियों के बीच समझौता हो गया। जानकारी के मुताबिक नौशाद आलम द्वारा एक हजार के स्टांप पर लिखित आश्वासन दिया गया कि मार्केट का जो नुकसान हुआ है उसकी क्षतिपूर्ति करेंगे।
क्षतिपूर्ति का आकलन और किस तरह इस समस्या का समाधान किया जाए इसके लिए बिल्डर का इंजीनियर और व्यवसायियों का इंजीनियर, दोनों मिलकर इसका निराकरण निकालेंगे और उनके मंतव्य पर ही कार्य किया जाएगा।
डाला गया सैंड बैग
वहीं सोमवार को निर्माणाधीन कॉमर्शियल काम्प्लेक्स की जमीन पर कुछ देर के लिए राहत कार्य चला। फिर मकर संक्रांति को लेकर मजदूरों ने काम बंद कर दिया। मंगलवार से फिर काम शुरू होगा। हथुआ मार्केट की तरफ की जमीन को खिसकने से रोकने के लिए वहां सैंड बैग डाला जा रहा है। साथ ही अंडर पार्किंग के लिए खोदे गए गढ्ढे को बालू से भरा जा रहा है। अभी तक आधे गढ्ढे को ही भरा जा सका है। वहीं जिन मकानों में दरार आ गई है। उनलोगों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। न तो बिल्डर और न ही जिला प्रशासन उनके सहयोग के लिए पहुंच रहा है। इस बाबत कन्हाई यादव ने कहा कि बिल्डर की गलती के कारण जिनके आशियाना बिखर गए उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
दूसरे घर शरणार्थी बने लोग
गौरतलब है कि हथुआ मार्केट के पास चर्च की जमीन पर बन रहे कॉमर्शियल काम्पलेक्स की पाइलिंग शनिवार की देर शाम धंस गई थी जिसके कारण हथुआ मार्केट की पचास फीट चाहरदीवारी और सामने की सड़क जमींदोज हो गई थी। इसके पीछे का कारण यह है कि अंडर पार्किंग के लिए जमीन की खुदाई अधिक कर दी गई थी जबकि पाइलिंग की गहराई कम था। इस हादसे में पास के तीन मकानों में दरार आ गई है। जिसके कारण वे लोग अपना घर छोड़कर दूसरे के यहां शरणार्थी बने हुए हैं। किरायेदार मकान छोड़कर चले गए हैं। उनके रोजगार बंद हो गये हैं। जिससे उनलोगों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।