एनएमसीएच में बचा मात्र एक कोरोना संक्रमित, दो हिस्सों में होगा मेडिसिन वार्ड
एनएमसीएच के मेडिसिन विभाग की छिनी छत एक बार फिर उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां कोरोना मरीज की महज एक रह जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मेडिसिन वार्ड को दो हिस्सों में बांट कर कोरोना वार्ड को अलग करने का ब्लू प्रिंट बनाया है।
जागरण संवाददाता, पटना सिटी: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मार्च 2020 में कोरोना अस्पताल बनाए जाने के बाद से मेडिसिन विभाग की छिनी छत एक बार फिर उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू हो गई है। एनएमसीएच में कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या घट कर महज एक रह जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मेडिसिन वार्ड को दो हिस्सों में बांट कर कोरोना वार्ड को अलग करने का ब्लू प्रिंट बनाया है।
अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मेडिसिन वार्ड के अगले हिस्से में बी और सी वार्ड तथा आठ बेड के आइसीयू में मेडिसिन विभाग के मरीजों को भर्ती किया जाएगा। वार्ड के पीछे स्थित डी और ई वार्ड को बीच से गेट लगा कर अलग कर दिया जाएगा। इन दोनों वार्ड में पंद्रह-पंद्रह मरीज रखने की क्षमता है। डी में कोरोना पॉजिटिव पुरुष और ई में महिला मरीज को रखा जाएगा। यहां डॉक्टर, नर्स, कर्मी, मरीज के आने-जाने के लिए भवन के पीछे से अलग रास्ता बनाया जाएगा। इन दोनों वार्ड में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन पाइप लाइन, इंफ्यूजन पंप, मॉनीटर समेत अन्य सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि बीएमएसआइसीएल से इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कहा गया है।
इमरजेंसी व कई विभागों में मेडिसिन के मरीज हैं भर्ती
मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. उमा शंकर प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में विभाग आई बैंक के ऊपरी तल पर चल रहा है। ओपीडी एवं इंडोर से विभाग में भर्ती होने वाले मरीजों को सेंट्रल इमरजेंसी, कान-नाक-गला विभाग, चर्म रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग आदि में रखा जाता है। मेडिसिन वार्ड में कोरोना मरीज रहने के कारण यह पूरी तरह से खाली है। अस्पताल में कई जगहों पर मेडिसिन विभाग का मरीज रखे जाने के कारण डॉक्टरों एवं कर्मियों को उसकी देखभाल में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि कोरोना मरीज को मेडिसिन के डी और ई वार्ड में भर्ती करने का सुझाव दिया गया है।