प्रवासी बिहारियों के लिए वरदान बनी 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना, 15 हजार परिवारों ने उठाया लाभ
Bihar Free Ration News कोरोना की पहली लहर के वक्त फैक्ट्रियां अचानक बंद होने से गरीब प्रवासियों के सामने अन्न के दाने-दाने का संकट हो गया था। ऐसे हालात में सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड को तेजी से पूरे देश में लागू करने का फैसला किया।
पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में सर्वाधिक बिहार के 15,729 लोगों ने राज्य के बाहर वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत राशन लिया है। राज्यसभा में शुक्रवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सुशील मोदी के एक सवाल पर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में रहने वाले 3,073, दिल्ली में 2,773, हरियाणा में 1,838, दादर व नगर हवेली और दमन व दीव में 1,577 तथा गुजरात में 1,428 प्रवासी बिहारी लोगों ने राशन का उठाव किया।
जुलाई में अप्रैल के मुकाबले दोगुने परिवारों ने लिया लाभ
इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच, जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, तब जुलाई में दूसरे राज्यों में राशन का उठाव करने वाले बिहारी लोगों की संख्या अप्रैल की 3,249 की तुलना में करीब दोगुनी यानी 6,419 रही। यह योजना बिहार से बाहर रहने वाले राशन कार्ड धारकों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोरोना की पहली लहर के वक्त फैक्ट्रियां अचानक बंद होने से गरीब प्रवासियों के सामने अन्न के दाने-दाने का संकट हो गया था। ऐसे हालात में सरकार ने वन नेशन, वन राशन कार्ड को तेजी से पूरे देश में लागू करने का फैसला किया। हालांकि कई राज्यों में अब तक इस योजना को लागू नहीं किया जा सका है। इसके चलते बड़ी आबादी को अब भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
कई राज्यों में अब तक लागू नहीं हुई है योजना
बंगाल, छतीसगढ़ और असम की सरकारों ने अभी अपने यहां वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को लागू नहीं किया है। सरकार ने देश में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना लागू की है, जिसके तहत किसी भी राज्य का राशन कार्डधारी दूसरे राज्य में या अपने गृह राज्य में भी अपने मूल निवास से इतर कहीं से भी अपने कोटे के राशन का उठाव कर सकता है।