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बिहार में मोटी सैलरी पर होगी सवा लाख शिक्षकों की बहाली, इन विषयों के टीचरों को मिलेगी नौकरी

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में यह घोषणा की। वे शिक्षा विभाग की अनुपूरक व्यय विवरणी पर हुई बहस का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही करीब सवा लाख शिक्षकों की बहाली होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 06:53 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 04:18 PM (IST)
बिहार में मोटी सैलरी पर होगी सवा लाख शिक्षकों की बहाली, इन विषयों के टीचरों को मिलेगी नौकरी
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य सरकार संस्कृत एवं उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देगी। इसे देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में अधिक बेहतर बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में यह घोषणा की। वे शिक्षा विभाग की अनुपूरक व्यय विवरणी पर हुई बहस का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही करीब सवा लाख शिक्षकों की बहाली होगी। सवा आठ हजार फिजिकल टीचर भी बहाल होंगे। उन्होंने कहा कि करीब 40 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सरकार ने सभी शिक्षकों को एक साथ नियुक्ति पत्र देने का फैसला किया है। ताकि वरीयता को लेकर कोई विवाद नहीं हो। क्योंकि एक ही विज्ञापन के आधार पर अगर अलग-अलग तारीखों में बहाली होगी तो इसे लेकर कोई व्यक्ति न्यायालय में भी जा सकता है। 

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शिक्षा के क्षेत्र में फिसड्डी होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए चौधरी ने कहा कि वर्ष 2005 की स्थिति की तुलना करें तो नीतीश कुमार के कार्यकाल में बहुत सुधार हुआ है। प्राथमिक स्कूलों की संख्या 37 हजार से बढ़कर 40 हजार हो गई है। माध्यमिक विद्यालयों की संख्या तब साढ़े 13 हजार थी। वह अब 29 हजार है। उन्होंने राजद शासन काल में हुई शिक्षक बहाली में धांधली की ओर इशारा करते हुए कहा-शिक्षकों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग से हुई थी। लेकिन, उस समय में आयोग के चार में से सिर्फ एक अध्यक्ष निलंबित हुए थे। तीन को जेल की हवा खानी पड़़ी थी। नीतीश सरकार की बहाली नीति में पूरी पारदर्शिता है।

अन्य राज्यों से अधिक वेतन

चौधरी ने कहा कि कुछ लोग राज्य के शिक्षकों को कम वेतन देने की शिकायत करते हैं। अभी जो बहाली हो रही है, उसमें राज्य के शिक्षकों को वेतन के तौर पर 36 हजार रुपया दिया जाएगा। यह असम के वेतन 31 हजार और झारखंड के 34 हजार रुपये से अधिक है। बिहार में अपर प्राइमरी के शिक्षकों को 38 हजार, झारखंड में 35 हजार और असम में 33 हजार रुपया वेतन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि साढ़े पांच हजार पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इनके लिए भी भवन एवं शिक्षक की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी के चलते कुछ स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही है। जल्द ही यह समस्या दूर होगी। एक किमी की दूरी पर प्राइमरी, तीन किमी की दूरी पर मध्य और पांच किमी के दायरे में माध्यमिक स्कूल खुल चुके हैं। शिक्षा मंत्री ने एआइएमआइएम के नेता अख्तरूल ईमान को भरोसा दिलाया कि सरकार उर्दू और संस्कृत को प्राथमिकता दे रही है। 


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