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Bihar Politics: शिक्षा मंत्री के मेवालाल के इस्‍तीफा पर भी सियासत, कांग्रेस और हम में जुबानी जंग शुरू

मेवालाल के इस्‍तीफा के बाद भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का श्रेय कांग्रेस महागठबंधन को दे रहा है । कहा दबाव में मेवालाल का इस्तीफा हुआ है। उधर हम ने भ्रष्‍टाचार के मामलों में राहुल गांधी और तेजस्‍वी के इस्‍तीफे की जोर-शोर से मांग शुरू की ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 09:56 AM (IST)
Bihar Politics: शिक्षा मंत्री के मेवालाल के इस्‍तीफा पर भी सियासत, कांग्रेस और हम में जुबानी जंग शुरू
सीएम नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव व विधान परिषद के आचार समिति के अध्‍यक्ष सुशील कुमार मोदी की तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार की एनडीए सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए मेवालाल के इस्तीफे के बाद भी प्रदेश की सियासत में उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस ने कहा कि महागठबंधन दल के नेताओं के दबाव में मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। आगे भी हम भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे। इसपर एनडीए ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के इस्‍तीफे की मांग शुरू कर दी है। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्‍वी रेलवे कैटरिंग में घोटाला के मामले में जमानत पर है। कभी भी जांच फिर से  शुरू हो सकती है। हम पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार को भ्रष्‍टाचार बर्दाश्‍त नहीं है। अब भ्रष्‍टाचार के आरोपों के कारण राहुल गांधी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के इस्‍तीफे की बारी है। जदयू नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव से भ्रष्‍टाचार के मामलों में इस्‍तीफा देकर मिसाल कायम करने की मांग की है। इसपर तेजस्‍वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर तेजस्‍वी की तारीफ करते हुए कहा है कि जियो मेरे लाल!  पहली ही बॉल में मजबूत विकेट को बैक टू पैवेलियन कर दिया।

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जारी रहेगी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई

कांग्रेस नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना सोचे समझे वैसे लोगों को अपनी मंत्रिमपरिषद में शामिल कर लिया जिन पर उनके ही निगरानी विभाग ने आइपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। उन्होंने कहा कांग्रेस का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। सरकार में जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में शामिल पाया जाएगा उसे कांग्रेस बेनकाब करती रहेगी। प्रेमचंद ने मेवालाल के इस्तीफे को महागठबंधन की जीत बताया है।

 हम ने पूछा, महागठबंधन के नेता कब देंगे इस्तीफा

  प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए मेवालाल चौधरी के इस्तीफे का स्वागत करते हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने पूछा है कि महागठबंधन के युवराज परिवार के आरोपी कब इस्तीफा देंगे।

हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि मेवालाल के इस्तीफे से साबित हुआ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा मेवालाल चौधरी ने अपना इस्तीफा दे दिया है अब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बताएं कि उनके परिवार के आरोपी कब इस्तीफा देंगे। दानिश ने कहा कि राहुल गांधी को संसद और तेजस्वी यादव को भी विधानसभा से अपना इस्तीफा करना चाहिए।

 जीरो टॉलरेंस पर अडिग रहने वाले मुख्यमंत्री हैं नीतीश

प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर अडिग रहने वाले व्यक्ति हैं। मेवालाल चौधरी का इस्तीफा लेकर उन्होंने फिर से मिसाल कायम की है। एनडीए नेताओं के पास नैतिकता है और वे अपनी नैतिकता के बल पर ही सत्ता में आते रहे हैं।

संजय ने कहा कि यह अफसोस है कि राजद नेताओं के पास नैतिकता नहीं है। खास तौर पर तेजस्वी यादव को नैतिकता से कोई लेना-देना नहीं है। लगता है कि उनकी नैतिकता को उनके पिता लालू प्रसाद ने कैद कर लिया है। तेजस्वी यादव को यह चाहिए कि दूसरों के बारे में खुलासे की बात छोड़ अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दें। लगातार आठ-आठ घंटे आयकर की पूछताछ में उन्हें जवाब नहीं सूझ रहा था। अगर आज उन्हें नैतिकता इतनी झकझोर रही है तो अपनी पार्टी में पद से तो इस्तीफा दे दें। कुछ मिसाल तो पेश करें। उनके ऊपर मनी लांड्रिंग से लेकर अवैध संपत्ति, जमीन कब्जा और आय से अधिक संपत्ति सहित कई मामले हैं।

लगातार आक्रामक रहा विपक्ष

बता दें कि शिक्षा मंत्री मेवालाल ने शपथ ग्रहण के तीसरे दिन और कल (19 नवंबर) को शिक्षा विभाग का पदभार ग्रहण करने के चंद घंटे बाद ही इस्‍तीफा देना पड़ा। उनपर लगे भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर महागठबंधन लगातार आक्रामक था। कांग्रेस ने टि्वटर पर एक वीडियों शेयर करते हुए लिखा था कि बिहार के शिक्षा मंत्री को राष्‍ट्रगान गाने भी नहीं आता । तेजस्‍वी ने मेवालाल पर आइपीसी की विभिन्‍न धाराओं का जिक्र करते हुए तंज किया था कि इससे बिहार के लाेगों को क्‍या शिक्षा मिलती है? 

मेवालाल पर लगे ये आरोप

मेवालाल राजनीति में आने से पहले  2010 से 2015 तक सबौर कृषि विश्‍वविद्यालय के पहले कुलपति थे। अपने कार्यकाल के दौरान उनपर बड़े पैमाने पर सहायक प्राध्‍यापकों और वैज्ञानिकों की नियुक्ति में धांधली का आरोप था। मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज कर रखा है। जिसमें मेवालाल ने अंतरिम जमानत ली है। वे अब तक मामले में बरी नहीं हुए हैं। वहीं एक पूर्व आइपीएस ने उनकी पत्‍नी नीता चौधरी की 2019 में घर में सिलिंडर से आग लगने के बाद झुलस कर हुई मौत के मामले में मेवालाल से पूछताछ की अनुमति मांगी है।


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