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थोक में पुराने नोट जमा करने वाले आयकर विभाग के रडार पर

नोटबंदी के दौरान थोक में 500 और 1000 के पुराने नोट बदलने वाले लोगों पर आयकर विभाग ने अपनी नजरें टेढी कर रखी है। अब आइटी विभाग उन पर कार्रवाई करने का मन बना रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 04:00 PM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 04:00 PM (IST)
थोक में पुराने नोट जमा करने वाले आयकर विभाग के रडार पर
थोक में पुराने नोट जमा करने वाले आयकर विभाग के रडार पर

पटना [जेएनएन]। नोटबंदी के दौरान थोक में 500 और 1000 के पुराने नोट बैंकों में जमा करने वाले अब आयकर विभाग के रडार पर आ गए हैं। पेट्रोल पंपों, एलपीजी एजेंसी और अस्पतालों को 31 मार्च 2017 तक पुराने नोट जमा करने की मोहलत दी गई थी। आयकर विभाग अब उनसे पुराने नोट के स्रोत के साथ रिटर्न दाखिल करने के लिए नोटिस जारी कर रहा है। हाल में पटना के चार बड़े कारोबारियों को आयकर विभाग ने नोटिस जारी कर उनके रिटर्न नहीं दाखिल करने के संबंध में जानकारी मांगी है।

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सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 एवं 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद किया था। नए नोट के अभाव में आवश्यक सेवाओं जैसे पेट्रोल पंप, रसोई गैस और अस्पतालों को पुराने नोट लेनदेन के लिए छूट दी गई थी। 31 मार्च 2017 तक न्यूनतम दो लाख रुपये के पुराने नोट जमा करने वालों के रिटर्न को आयकर विभाग जांच के दायरे में लाया है। पहले चरण में हाई रिस्क के मामले हैं। वैसे खाते जिनमें एक करोड़ से अधिक जमा हुए हैं उनके आय के स्रोत की स्कैनिंग शुरू कर दी है।

राजधानी पटना के कुछ ऐसे कारोबारियों को नोटिस जारी किया गया है जिन्होंने 25 दिसंबर तक अग्रिम आयकर का तिमाही रिटर्न जमा नहीं किया है। आयकर कानून के तहत 31 मार्च 2017 तक नोटबंदी के दौरान पुराने 500 और 1000 के नोट जमा करने वालों के स्रोत की पड़ताल 1 अप्रैल से सितंबर 2018 तक करने का लक्ष्य रखा गया है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार नोटबंदी की तिथि के बाद किस पेट्रोल एजेंसी ने कितने पेट्रोलियम पदार्थ की खरीद- बिक्री की और कितने रुपये जमा किए हैं इसका मिलान शुरू कर दिया गया है। इसी तरह गैस एजेंसी और बड़े अस्पतालों के कारोबार की पड़ताल हो रही है। आयकर विभाग को पुराने नोट के बारे में अब तक दी गई सूचना से अतिरिक्त धन राशि मिलने पर 60 प्रतिशत टैक्स लगेगा। 2017-18 के रिटर्न के आधार पर जांच की तैयारी शुरू हो गई है। प्रथम चरण में जांच के दायरे में वैसी बड़ी मछलियां हैं जिन्होंने करोड़ों जमा किए हैं। वैसे दो लाख से अधिक जमा करने वाले भी जांच के दायरे में शामिल किए गए हैं।


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