गरीबी से तंग आकर वृद्घ ने दी जान, ग्रामीणों ने चंदा कर किया अंतिम संस्कार
केंद्र या राज्य सरकार गरीबी उन्मूलन से संबंधित कई योजनायें संचालित कर रही है। इसके बावजूद आर्थिक तंगी से कई गरीब या तो दम तोड़ दे रहे है या आत्महत्या करने पर विवश है।
पटना [जेएनएन]। केंद्र या राज्य सरकार गरीबी उन्मूलन से संबंधित कई योजनायें संचालित कर रही है। गरीबों के नाम पर पानी की तरह रुपया बहाया जा रहा है, लेकिन सरकार की नीति और नियत में अंतर होने के कारण आर्थिक तंगी से कई गरीब या तो दम तोड़ दे रहे है या आत्महत्या करने पर विवश है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है पटना जिले के नौबतपुर के कोपा कला गांव में, जहां शनिवार को भूख और गरीबी से तंग आकर एक वृद्ध ने फांसी लगा ली। ग्रामीणों ने बताया कि काशी राम (60 वर्ष) कुछ दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उसके तीनों बेटे दिल्ली में मजदूरी करते हैं। काशी घर पर अकेले रहता था। ग्रामीणों ने आपस में चंदा जमा कर अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों ने बताया कि काशी के कहने पर कई बार दिल्ली में रहे बेटों को फोन किया, लेकिन कोई नहीं आया।
काशी को सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन मिलता था जो मार्च से नहीं मिला। शौचालय निर्माण की राशि पंचायतों में दी जा रही है। ओडीएफ कराया जा रहा है, लेकिन उस गरीब परिवार को शौचालय भी मयस्सर नहीं हुआ। गरीबों के लिये इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री सबके लिये आवास योजना आयी लेकिन उसका भी लाभ नहीं मिला।
पंचायत के मुखिया राजकुमार यादव ने पूछने पर बताया की कबीर अंत्येष्टि के तहत दाह संस्कार के लिये तीन हज़ार की राशि मिलेगी परंतु अभी मेरे खाते में नहीं है। पूर्व में नौ हज़ार मिला था जिसे हम लाभुक के बीच बाँट चुके है आएगा तो मिल जायेगा। कुछ ऐसा ही बयान बीडीओ संजीव कुमार ने भी कही।