बुजुर्गो को मिली स्वस्थ जीवन जीने की सलाह
पटना। बुजुर्गो को आए दिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। इस उम्र में उन्हें तरह-तरह की बीमारियां घेरतीं हैं।
पटना। बुजुर्गो को आए दिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। इस उम्र में उन्हें तरह-तरह की बीमारियां समय बेसमय आ घेरतीं हैं। चाहे वह हड्डियों के कमजोर होने की समस्या हो, या हृदय से जुड़ी कोई बीमारी, हर समय उनका मन किसी न किसी बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर की तलाश में लगा रहता है। ऐसे में अगर उन्हें किसी डॉक्टर की सही परामर्श मिल जाए तो उनके लिए सहूलियत हो जाती है। ऐसी ही परामर्श बागबान क्लब के बुजुर्गो को क्लब के तीसरे वार्षिकोत्सव में शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों से मिली। इस कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को होटल मौर्या में किया गया। आयोजन के चिकित्सा सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद कुमार (हृदय रोग विशेषज्ञ, पारस हॉस्पिटल), डॉ. जॉन मुखोपाध्याय (हड्डी रोग विशेषज्ञ) और डॉ. राजीव ने बुजुर्गो के स्वास्थ्य से जुड़े सवालों के जवाब दिए।
डॉ. राजीव ने कहा कि लोगों को विभिन्न बीमारियों का पता तो आसानी से चल जाता है, लेकिन कैंसर के बारे में अभी उतनी जानकारी नहीं है तो इस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। कैंसर से बचने के लिए लोगों को अपने में हो रहे छोटे-छोटे बदलावों पर ध्यान देना चाहिए। अगर कोई घाव हो गया है और वह दो सप्ताह तक ठीक न हो रहा हो तो बायोप्सी या फिर अपनी आवाज में कोई बदलाव नजर आने पर इंडोस्कोपी करानी चाहिए। यह कैंसर हो सकता है। जो महिलाएं 40 वर्ष की उम्र पार कर चुकी हैं, उनमें कैंसर होने की आशंका सबसे अधिक होती हैं तो उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
पारस हॉस्पिटल के हड्डी रोग विभाग के निदेशक डॉ. जॉन मुखोपाध्याय ने बुढ़ापे में हड्डियों के कमजोर होने पर बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे ओस्टियोपोरोसिस होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में बुजुर्गो को अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन डी शामिल करना चाहिए। साथ ही एक्सरसाइज को अपनी जीवनशैली में आवश्यक रूप में शामिल करना चाहिए।
पारस हास्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद ने हृदय संबंधी रोग डायबिटीज के बारे में बताया। उन्होंने इससे बचाव के लिए खान-पान में बरती जाने वाली सावधानियों और ब्लड प्रेशर संतुलित रखने के बारे में बताया। डाइविटिज के मरीज को खाने में तला-भुना चिकनाईयुक्त भोजन से बचना चाहिए। साथ ही गुटखा, अल्कोहल और स्मोकि ंग से परहेज करनी चाहिए।
सत्र के समापन पर दैनिक जागरण के बिहार-झारखंड क मुख्य महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी ने तीनों चिकित्सकों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।