बिहारियों को पसंद आ गई हवाई जहाज की सवारी, सामने आयी ये वजह
बिहार के लोगों को हवाई सफर खूब भा रहा है। 2016-17 में जितने लोगों ने पटना से हवाई यात्रा की उससे चार लाख अधिक यात्री 2017-18 के दस माह में सफर कर चुके हैं।
पटना [जितेन्द्र कुमार]। सफर सुगम हो और समय की बचत हो तो पैसे मायने नहीं रखते। ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट और घंटों देरी से परिचालन के कारण बिहार के लोगों को हवाई सफर खूब भा रहा है। 2016-17 में जितने लोगों ने पटना से हवाई यात्रा की उससे चार लाख अधिक यात्री 2017-18 के दस माह में सफर कर चुके हैं।
पटना के जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की क्षमता सालाना पांच लाख यात्रियों के सफर के लिए अनुकूल है। 2007-08 में यहां 12606 फ्लाइटों का आवागमन हुआ। कुल 4.44 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया। हालांकि अगले साल उड़ानें घटकर 9666 हो गईं और 369408 लोगों ने सफर किया।
बीते साल पटना हवाई अड्डे से 21.12 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी या फिर यहां पहुंचे। चालू वित्तीय वर्ष में यात्रियों की संख्या जनवरी तक दस माह में 25 लाख 3 हजार 272 हो गई है। 2016-17 में 15508 फ्लाइटों का आवागमन हुआ था। चालू वर्ष के दस माह में उड़ानों की संख्या बढ़कर 19849 पहुंच गई है।
बढ़ोतरी के कारण
विमान यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी का बड़ा कारण बिहार से गुजरने वाली ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट का होना भी है। देश में सर्वाधिक 10 वेटिंग लिस्ट वाली ट्रेनों में अधिकांश बिहार से शुरू होती हैं, पहुंचती हैं या फिर गुजरती हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकता, लखनऊ, रांची सहित अन्य शहरों में काम करने वाले राज्य के लोग जब ट्रेन से छुट्टियों में आते हैं तो दो दिन ट्रेन में ही गुजर जाता है। ऐसे में हवाई यात्रा से अल्प अवधि की छुट्टी का पूरा सदुपयोग होता है।
फर्स्ट एसी ट्रेन टिकट के बराबर किराया
पटना से दिल्ली के बीच राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में फस्र्ट एसी का किराया करीब 3300 रुपये पड़ता है। यदि यात्रा पूर्व नियोजित हो तो एडवांस हवाई टिकट कटाने पर 3300 से 3700 रुपये में ही पटना से दिल्ली के बीच विमान यात्रा कर सकते हैं। ट्रेन में पूरी रात गुजारने की बजाय दो घंटे में एक हजार किलोमीटर दूर मंजिल तक पहुंच सकते हैं।
पटना एयरपोर्ट : हवाई यात्रा एक नजर में
वर्ष - उड़ानें - यात्रियों की संख्या
2006-7 - 9723 - 352434
2007-8 - 12604 - 444458
2008-9 - 9666 - 369408
2009-10 - 10726 - 552524
2010-11 - 9547 - 838509
2011-12 - 10369 - 1021544
2012-13 - 9972 - 1003169
2013-14 - 9900 - 1045237
2014-15 - 11054 - 1196540
2015-16 - 13947 - 1584013
2016-17 - 15508 - 2112150
(2017-18 जनवरी तक)- 19849 - 2303272