अब विद्यापति की धुन पर बिहार के इस जिले की खूबसूरती देखेगी दुनिया
कटिहार जिले की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ग्राम्य जीवन की सुंदरता को दर्शाती तीन मिनट 56 सेकेंड का काव्यात्मक वृत्तचित्र तैयार किया गया है। अब यहां की सुंदरता पूरी दुनिया देखेगी।
कटिहार [प्रकाश वत्स]। अब मैथिल कोकिल कवि विद्यापति की पदावली की धुन पर दुनिया कटिहार जिले की खूबसूरती देखेगी। कटिहार के डीएम मिथिलेश मिश्रा की विशेष दिलचस्पी पर जिले की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ग्राम्य जीवन की सुंदरता को दर्शाती तीन मिनट 56 सेकेंड का काव्यात्मक वृत्तचित्र तैयार किया गया है। विद्यापति की पदावली बड़ सुखसार पाओल तुअ तीरे... की धुन पर जिले की तमाम खूबसूरती को समेटने का प्रयास किया गया है। दो दिन पूर्व इसे जिले की वेबसाइट पर भी डाल दिया गया है। अब कहीं भी कोई व्यक्ति कटिहार के इस सुंदर परिचय से रूबरू हो सकता है।
इन तथ्यों को किया गया है समाहित
वृत्तचित्र में मनिहारी स्थित गंगा घाट, गंगा-कोसी का संगम स्थल, गंगा-महानंदा का संगम स्थल, प्रवासी पक्षियों का बसेरा गोगाबिल झील, बरारी स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा के साथ-साथ यहां होने वाली मखाना की खेती, ग्राम्य जीवन, रेल विकास और शहर के विस्तार सहित अन्य तथ्यों को भी समाहित किया गया है।
विद्यापति के जुड़ाव से वृत्तचित्र बना आकर्षण का केंद्र
मैथिल कोकिल कवि विद्यापति की पहचान विश्व फलक पर रही है। अंग, बंग व मिथिलांचल की मिश्रित संस्कृति वाले कोसी व सीमांचल में घर की पूजा भी उनके लिखे गीत से ही शुरू होती है। इस परिक्षेत्र के बाहर भी लोग उनकी रचना के कायल रहे हैं। फलाफल यह लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन गया है।
जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्रा ने कहा कि कटिहार की सांस्कृतिक, प्राकृतिक व ग्राम्य जीवन की सुंदरता से अन्य जिलों, प्रदेशों के लोगों को अवगत कराने की मंशा से यह वृत्तचित्र तैयार किया गया है। मैथिल कोकिल कवि विद्यापति की पदावली की धुन पर इसे सजाने की कोशिश हुई है। विद्यापति विश्व फलक के कवि रहे हैं। यह वृत्तचित्र जिला की बेबसाइट पर उपलब्ध है।