Flood in Bihar: बाढ़-बारिश पर अब बिहार में सियासत, राबड़ी-तेजस्वी ने सीएम नीतीश को घेरा
बिहार में बाढ़ और बारिश का कहर चरम पर है। इसके कहर से डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है। राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है।
पटना, जेएनएन। बिहार में बाढ़ और बारिश का कहर चरम पर है। गंगा, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक समेत अन्य नदियाें का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सरकारी कार्यालय भी इससे नहीं बचे हैं। बाढ़ व बारिश से अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कहीं दिवालों के मलबे में दब कर लोगों ने अपनी जान गंवाई है तो कहीं बाढ़ की तेज धारा में लोग बह गए हैं। इनमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। अब इस पर बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है। दोनों नेताओं ने रविवार को ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। राबड़ी ने नीतीश सरकार से पूछा कि बाढ़ को रोकने के लिए अब तक कितने लाख करोड़ खर्च किए। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से बाढ़ पीडि़तों की मदद करने का कहा है। साथ ही, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं, लेकिन सरकार राहत और बचाव की जगह प्रकृति और चूहों को दोष देने की कार्य योजना पर काम कर रही है। जनता की इन्हें कोई फ़िक्र नहीं है। हर परिस्थिति में इन्हें बाढ़ के नाम पर बंदरबांट करनी है। जनता त्राहिमाम कर रही है। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार, सुखाड़, बाढ़, सरकारी स्कूलों में चरते आवारा मवेशी अथवा अस्पतालों में तैरती मछली सभी का दोष नीतीश प्रकृति को देकर अपनी ज़िम्मेदारियों से छुटकारा पा लेते है। नीतीश कुमार बताएं, जल संसाधन विभाग में तटबंध निर्माण, बाढ़ राहत और बचाव के नाम पर 15 वर्षों से हुए अरबों के घोटालों का सरगना कौन है?
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश सरकार ने 14 वर्षों के शासन के बाद भी बाढ़ की वार्षिक विभीषिका से सदा के लिए निपटान हेतु क्या दूरगामी क़दम उठाए? अब तक कितने लाख करोड़ ख़र्च किए? उन्होंने कहा कि जितना धन हर वर्ष राहत, बचाव, पुनर्वास व तटबंध निर्माण रखरखाव के नाम पर लूट लिए जाते हैं, उतने में सदा के लिए समस्या का हल हो जाता।
उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ताबड़ताेड़ चार ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि बिहार के 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। जान, माल, फसल, मवेशी का लगातार नुकसान हो रहा है, पर आत्ममुग्ध सरकार व बेपरवाह प्रशासन मदमस्त है। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की इन्हें क्यों चिंता होगी? आख़िर दोष प्रकृति को जो देना है।
तेजस्वी यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने के सरकारी दावों की कलई पहले हफ्ते ही खुल गई। दावे अपनी जगह है और 'सुशासन' के दीमकों की कमाई अपनी जगह। उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा कि हर वर्ष बाढ़ राहत व बचाव, तटबंध निर्माण, पुनर्वास के नाम पर अरबों के घालमेल व बंदरबांट 'सुशासन' की पहचान जो है। CM अब प्रकृति को दोषी ठहराएंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश सरकार असम्भव हवाई सर्वेक्षणों की सरकार है। ऐसी उन्नत तकनीक NASA के पास भी नहीं।
उन्होंने कहा कि CM चमकी बुखार, लू का हवाई सर्वेक्षण करते हैं तो मंत्री सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अदृश्य बाढ़ से निपटने की तैयारियों का हवाई सर्वेक्षण करते हैं। धरातल की वास्तविक पीड़ा से इन्हें कोई सरोकार नहीं। इसके साथ ही तेजस्वी ने राजद कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि अपने-अपने जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुेचाने में वे यथासंभव मदद करें। प्रशासन से संपर्क स्थापित कर समस्याओं का निराकरण एवं उचित सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करें।