नौकरी करने वाले जरूर पढ़ें ये खबर, सरकार ने इन नियमों में किया है बदलाव
अब एक साल का ही आयकर रिटर्न स्वीकार होगा। वार्षिक कमाई का हिसाब अब प्रत्येक वर्ष के आयकर रिटर्न में दर्शाना अनिवार्य होगा। नई व्यवस्था 1 अप्रैल से प्रभावी हो गई है।
पटना [जेएनएन]। अपनी वार्षिक कमाई का हिसाब अब प्रत्येक वर्ष के आयकर रिटर्न में दर्शाना अनिवार्य होगा। भूल से किसी प्रकार की आमदनी का विवरण नहीं दे सके तो उसे अघोषित आय मानकर जुर्माना वसूल किया जा सकता है। आयकर विभाग की नई व्यवस्था 1 अप्रैल से प्रभावी हो गई है।
नई व्यवस्था के प्रभावी होने के पूर्व नए आयकरदाता एक साथ दो वर्षों का रिटर्न एक साथ दाखिल करने को स्वतंत्र होते थे। 2017 में आयकर विभाग ने सालाना आयकर रिटर्न दाखिल करने का नियम बनाया लेकिन 31 मार्च 2018 तक ही मोहलत दी गई थी। 2016-17 और 2017-18 का आयकर रिटर्न 31 मार्च तक नहीं जमा करने वाले अब पूर्व की आमदनी दर्शाने से वंचित हो गए। चालू वित्तीय वर्ष से एक साल की ही आमदनी का विवरण आयकर रिटर्न में भर सकते हैं।
आयकर विभाग ने 31 मार्च तक जमा किए गए रिटर्न की रैंडम जांच शुरू कर दी है। लक्ष्य दिया गया है कि सितंबर 2018 तक समीक्षा कर त्रुटि खोज निकाली जाए। रिटर्न की समीक्षा में 2016-17 में नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा पुराने नोटों का हिसाब भी शामिल होगा।
आयकर विभाग की नई व्यवस्था के तहत केंद्रीयकृत रिटर्न की समीक्षा होम स्टेट में नहीं होगी। अलग-अलग राज्यों के हाई रिस्क लेनदेन को अलग-अलग प्रदेश के आयकर अधिकारियों को भेजा जा रहा है। समीक्षा में द्विवार्षिक आयकर रिटर्न दाखिल करने वाल करदाताओं को भी शामिल किया गया है।