Move to Jagran APP

अब मोबाइल पर ही पता चल जाएगा, किस स्टेज में है कैंसर

पटना में जुटे दुनिया भर के कैंसर विशेषज्ञों ने इस बीमारी से बचाव के तरीकों पर चर्चा की। बताया कि अब मोबाइल से भी इस बीमारी की पहचान समय रहते की जा सकती है।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Sat, 15 Oct 2016 05:34 PM (IST)Updated: Sat, 15 Oct 2016 10:01 PM (IST)
अब मोबाइल पर ही पता चल जाएगा, किस स्टेज में है कैंसर

पटना [जेएनएन ]। कैंसर के मरीजों के लिए राहत देने वाली खबर है। अब नई तकनीक इतनी एडवांस हो गई है कि मरीज की जांच के दौरान ही उसकी सूचना व तस्वीर उसके मोबाइल पर मिल जाएगी कि बीमारी किस स्टेज में है और कितनी गंभीर अवस्था में है? इससे बीमार का इलाज और आसानी से हो सकेगा।

loksabha election banner

शुक्रवार को एशिया-ओशियाना रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ऑन जेनिटाल एण्ड नियोपलासिया इंडिया (आयोजीन इंडिया) के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कई देशों से आए कैंसर विशेषज्ञों ने इसपर विचार विमर्श किया। कहा कि मोबाइल की यह तकनीक मरीजों की जान बचाने में बहुत मददगार होगी।

एप्स बनेगा मददगार

स्वीडन से आई कैंसर विशेषज्ञ एलिजाबेथ विक्सस्टार्म ने कहा कि कैंसर की पहचान के लिए एक नया एप्स विकसित किया गया है। इसका उपयोग मरीज की जांच के दौरान किया जाता है। इस तकनीक से मरीज एवं उनके परिजनों को जांच प्रक्रिया के दौरान ही जानकारी मुहैया करा दी जाती की बीमारी किस स्थिति में है। मरीज अपने मोबाइल के माध्यम से देख सकता है कि बीमारी शरीर के कौन से भाग में है।

बच्चेदानी में सूजन कैंसर का प्राथमिक लक्षण

फ्रांस के स्क्रीनिंग ग्रुप के सदस्य डॉ.पार्थ बसु ने कहा कि महिलाओं में बच्चेदानी के कैंसर की जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिला के बच्चेदानी में जैसे ही सूजन आए और फैलाव दिखाई दे तो डॉक्टर को सावधान हो जाना चाहिए। यही कैंसर होने का प्राथमिक लक्षण है।

उन्होंने कहा कि विकसित देशों में बच्चेदानी के कैंसर पर बहुत हद तक नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन विकासशील देशों में यह अभी भी बहुत बड़ी बीमारी बनी हुई है। इसके लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक महिलाओं की जांच की जाए।

देश में बच्चेदानी का कैंसर प्रथम स्थान पर

आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.जितेन्द्र सिंह ने कहा कि बच्चेदानी के कैंसर के मामले में भारत प्रथम स्थान पर है। उसके बाद स्तन कैंसर का स्थान है। बच्चेदानी कैंसर के मामले प्राथमिक जांच से कम किए जा सकेंगे। बीमारी ज्यादा बढ़ जाने पर उसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है। बच्चेदानी के कैंसर के लिए टीका भी विकसित किया गया है। उसका भी उपयोग अधिक से अधिक लोगों को करने की जरूरत है।

15 वर्ष पहले दिखाई देता कैंसर का लक्षण

विशेषज्ञों ने नौ से चौदह वर्ष की छात्राओं को बच्चेदानी के कैंसर के दो डोज देना लाभकारी बताया। सम्मेलन में डॉ.प्रज्ञा मिश्रा ने कहा कि बच्चेदानी के कैंसर के प्राथमिक लक्षण पन्द्रह वर्ष पहले दिखाई देने लगते हैं। यदि उसकी पहचान समय पर कर ली जाए तो फिर बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए व्यापक स्तर पर महिलाओं को जांच कराने की जरूरत है।

नई तकनीक ज्यादा कारगर

सम्मेलन में आए रूस मोलेकुलर डायग्नेस्टीक के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.पीएसपी धनंजय ने कहा कि कैंसर की जांच में नई तकनीक काफी कारगर हो रही है। नई तकनीक से बीमारी की जांच करने में काफी सुविधा हो गई है। उन्होंने कहा कि तकनीक के मामले में विकसित देश काफी आगे हैं, इसलिए वहां पर अब कैंसर उस स्थिति में नहीं रहा।

आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

कैंसर विशेषज्ञों के सम्मेलन में आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के लिए लगभग तीन सौ आशा कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। उन्हें बताया गया कि कैंसर के प्राथमिक लक्षण कौन-कौन से हैं। बीमारी के लक्षण दिखाई पडऩे पर क्या करना चाहिए। सम्मेलन अभी जारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.