अब दुनिया के किसी भी कोने से करें गया में पिंडदान
अब दुनिया के किसी भी कोने से घर बैठे बिहार के गया में अपने पूर्वजों के नाम पिंडदान कर सकते हैं।
पटना । अब दुनिया के किसी भी कोने से घर बैठे बिहार के गया में अपने पूर्वजों के नाम पिंडदान दे सकते हैं। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ऑनलाइन ई-पिंडदान को लागू कराने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। शुल्क रखा गया है। इसकी प्रक्रिया को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। 25 अगस्त से इसके लिए बुकिंग की सुविधा पर्यटन निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की तैयारी है। 23 सितंबर से नौ अक्टूबर के बीच पितृपक्ष के दौरान पिंडदान होगा। लाखों की संख्या में देश-विदेश से हिन्दू धर्मावलंबी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने के लिए आते हैं।
पर्यटन निगम ने पिडंदान टूर पैकेज तैयार किया है। इसकी बुकिंग भी 25 अगस्त से होने लगेगी। वातानुकूलित कार, वातानुकूलित होटल में कमरा, भोजन, नाश्ता की सुविधा दी गई है। पूजा सामग्री से लेकर पंडित और आने-जाने की व्यवस्था की गई है। सिर्फ शुल्क भुगतान करना है। पटना से टूर पैकेज के लाभ लेने वालों को पुनपुन में भी पिंडदान की व्यवस्था कराई गई है। पटना और गया से इस पैकेज का लाभ मिलेगा। हवाई मार्ग या रेल मार्ग से आने वालों के लिए गाड़ी उपलब्ध रहेगी। उन्हें कुछ भी लेकर आने की जरूरत नहीं है। : टूर पैकेज :
- पटना-पुनपुन-गया (एक दिन) : एक व्यक्ति दस हजार, दो व्यक्ति साढ़े दस हजार, चार व्यक्ति 18 हजार रुपये।
- पटना-पुनपुन-गया-बोधगया-नालंदा - राजगीर-पटना (एक रात दो दिन) : एक व्यक्ति 12 हजार, दो व्यक्ति 15 हजार और चार व्यक्ति 24800 रुपये।
- गया से गया (एक दिन) : एक व्यक्ति सात हजार, दो व्यक्ति दस हजार तथा चार व्यक्ति 15 हजार रुपये।
- गया से गया (एक रात दो दिन) : एक व्यक्ति दस हजार, दो व्यक्ति 15,500 तथा चार व्यक्ति 18 हजार रुपये।
- गया-बोधगया-राजगीर-नालंदा-गया (एक रात दो दिन) : एक व्यक्ति 11,200, दो व्यक्ति 15,500 तथा चार व्यक्ति 22 हजार रुपये।
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हिन्दू धर्मावलंबी अपने पूर्वजों का पिंडदान करने के लिए गया आते हैं। बहुत लोग आने में असमर्थ हैं। वे दुनिया के किसी भी कोने में रहकर ई-पिंडदान के लिए ऑनलाइन बुकिंग कर पिंडदान कर सकते हैं। इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही पिंडदान पैकेज में इस वर्ष वातानुकूलित वाहन-होटल उपलब्ध कराए गए हैं। गया के साथ-साथ पुनपुन में भी पिंडदान कराया जाएगा।
- इनायत खान, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम