अब JDU MLC के आवास पर कौए की मौत, पशुपालन विभाग हुअा अलर्ट
बिहार में बर्ड फ्लू की आशंका कम नहीं हो रही है। रोज किसी न किसी जिले से पक्षियों की मौत की खबर आ रही है। नया मामला जदयू विधान पार्षद के आवास का है। वहां पर एक कौए की मौत हो गई है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में बर्ड फ्लू की आशंका कम नहीं हो रही है। रोज किसी न किसी जिले से पक्षियों की मौत की खबर आ रही है। नया मामला जदयू विधान पार्षद के आवास का है। वहां पर एक कौए की मौत हो गई है, जबकि दूसरे की स्थिति खराब है। पशुपालन विभाग को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार जदयू विधान पार्षद गुलाम रसूल के अावास पर बुधवार को अचानक तीन काैए आकर गिर पड़े। इनमें से एक कौए की मौत हो गई, जबकि दूसरे की स्थिति मरणासन्न है। कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी के बाद पशुपालन विभाग भी अलर्ट हो गया है।
बता दें कि पटना में पक्षियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मकर संक्रांति के ठीक पहले लोदीपुर स्थित न्यू पुलिस लाइन में दो दिनों में तीन दर्जन से अधिक कौओं की मौत हो गई थी। इससे मुहल्ले के लोगों में हड़कंप मच गया था। इसके बारे में भी पशुपालन विभाग को बताया गया था।
इतना ही नहीं, दिसंबर के अंतिम सप्ताह से पटना चिडि़याघर लगातार बंद है। दाे दिन पहले भी 26 प्रजातियों के पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। पटना जू में अब आधा दर्जन से अधिक मोरों की मौत हो गई है। हालांकि मरनेवाले पक्षियों में कौओं की संख्या अधिक है। इसके अलावा मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा आदि जिलों से भी कौओं के मरने की सूचना है। बिहार में बर्ड फ्लू की शुरुआत मुंगेर के असरगंज से हुई है। इसके बाद से प्रशासन एक्टिव है, लेकिन कौओं के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
इधर भागलपुर स्थित सबौर कृषि विज्ञान केंद्र के पशु वैज्ञानिक डॉ. जेड होदा बताते हैं कि बर्ड फ्लू के संक्रमण से सबसे पहले कौए की ही मौत होती है। यह इसलिए कि कौआ मृत जानवरों को खाता है। डॉ. होदा के अनुसार दो प्रजातियों का पाया जाने वाला कौआ लंबे समय तक जीने वाला पक्षी है, लेकिन विगड़ रहे पर्यावरण की मार का प्रभाव इन पर भी पड़ा है।