भागलपुर हिंसा: अब सरेंडर बनाम गिरफ्तारी के विवाद में उलझा मामला, जानिए
भागलपुर हिंसा मामले में अर्जित शाश्वत अब पुलिस कस्डटी में हैं। लेकिन इस मामले में नया विवाद सरेंडर बनाम गिरफ्तारी का है। अर्जित इसे सरेंडर बता रहे तो पुलिस गिरफ्तारी कह रही है।
पटना [जेएनएन]। भागलपुर में भारतीय नववर्ष के दिन बगैर अनुमति जुलूस निकालने और हिंसा भड़काने के आरोपित केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र व भाजपा नेता अर्जित शाश्वत शनिवार की देर रात से पुलिस गिरफ्त में हैं। अब यह मामला नए विवाद में है। अर्जित जहां सरेंडर की बात कह रहे हैं, वहीं पटना पुलिस इसे योजनाबद्ध तरीके से गिरफ्तारी बता रही है।
विदित हो कि बीती रात अर्जित शाश्वत समर्थकों के साथ पटना के महावीर मंदिर पहुंचे। इसके पहले उन्होंने मीडिया को बुला लिया। वहां जब अर्जित मीडिया से बातचीत कर रहे थे, इसी बीच पुलिस भी पहुंच गई। अर्जित ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे कहीं भागे नहीं थे, उनकी अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट में थी। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट का सम्मान करते हुए सरेंडर कर रहे हैं।
अर्जित ने यह भी कहा कि बनारस से आने के क्रम में जब मुझे सूचना मिली कि माननीय न्यायालय द्वारा मेरा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया गया है तो मैंने इस फैसले का सम्मान करते हुए आत्मसमर्पण कर दिया। पूरे कानून पर पूरा विश्वास है।
अर्जित के दावे से हटकर पटना के एएसपी राकेश दुबे इसे सरेंडर मानने से इन्कार करते हैं। उन्होंने कहा कि अर्जित शाश्वत को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पुलिस अर्जित पर नजर रखे हुए थी।