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ऐसी दोस्ती कहीं देखी-सु्नी है आपने, पुलिस की कुख्यात से हुई गहरी फ्रेंडशिप, फिर...

पुलिस को कुख्यात अपराधी से गहरी दोस्ती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा। अपराधी ने पुलिसवालों को शराब पिला दी। फिर प्रेमिका से मिलने जाने की बात कहकर फरार हो गया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:30 PM (IST)
ऐसी दोस्ती कहीं देखी-सु्नी है आपने, पुलिस की कुख्यात से हुई गहरी फ्रेंडशिप, फिर...
ऐसी दोस्ती कहीं देखी-सु्नी है आपने, पुलिस की कुख्यात से हुई गहरी फ्रेंडशिप, फिर...

पटना, जेएनएन। कुख्यात से दोस्ती पुलिस को महंगी पड़ी। बेउर जेल से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया कुख्यात विकास सिंह पुलिस को चकमा देकर पहाड़गंज के होटल से फरार हो गया। उसने पुलिसवालों को जमकर शराब पिलाई, जब वो नशे में टल्ली हो गए तो विकास अपनी प्रेमिका से मिलने की बात कहकर होटल से निकला फिर वापस नहीं आया। 

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दरअसल, कोर्ट में पेशी के लिए कुख्यात विकास सिंह के साथ पटना पुलिस के एक दारोगा के साथ छह जवानों की टीम भेजी गई थी। घटना छह दिसंबर की रात की है। सात दिसंबर को विकास की कोर्ट में पेशी होनी थी जो फरारी के कारण नहीं हो सकी। पुलिस टीम खाली हाथ पटना लौट आई है। 

विकास सिंह राजधानी के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के रोड नंबर छह स्थित प्रिंस कॉलोनी का रहने वाला है। उसके खिलाफ गर्दनीबाग, बेउर समेत अन्य थानों में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है। दस वर्षों से अधिक समय से वह बेउर जेल में बंद था। 

होटल में पुलिस के सामने पार्टी 

दिल्ली के आरके पुरम थाने में दर्ज कांड संख्या 31/2007 को लेकर विकास सिंह की सात दिसंबर को तीस हजारी कोर्ट में पेशी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले में अनिल सिंह भी अभियुक्त था जो उससे दिल्ली के होटल में मिला। अनिल सिंह के साथ मन्नी सिंह व सन्नी सिंह भी थे। सभी ने पहाड़गंज के एक होटल में खाना खाया और फिर शराब का दौर शुरू हो गया। 

सूत्रों के अनुसार, रात होते-होते पुलिसकर्मी नशे में टल्ली हो खर्राटा लेने लगे। इसी दौरान सन्नी व मन्नी के बीच तकरार होने लगी। इससे नाराज हो अनिल सिंह बगल के दूसरे होटल में चला गया। इधर, पुलिस कस्टडी में पेशी के लिए गया विकास अपनी प्रेमिका से मिलने की बात कह निकल गया।

दूसरे दिन दस बजे तक वह होटल नहीं लौटा तो पुलिस की नींद खुली। विकास का मोबाइल बंद मिल रहा था। इसके बाद पुलिस की टीम ने प्रेमिका से भी संपर्क करने की कोशिश की, परंतु रविवार की शाम तक विकास का अता-पता नहीं चल सका। इसके बाद पटना पुलिस की टीम नई दिल्ली रेल पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंची।

पटना पुलिस ने बताया कि वह स्टेशन से भाग गया है, लेकिन जब रेल पुलिस ने उस दिन का सीसीटीवी फुटेज देखा तो विकास पटना पुलिस की टीम के साथ बिना हथकड़ी लगाए बाहर आता दिखा। रेल पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पहाड़गंज चौकी में लिखित शिकायत की गई। हालांकि, पहाड़गंज चौकी में पूछने पर शिकायत से इनकार किया गया। 

बेउर जेल के अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि विकास सिंह को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेशी के लिए हमेशा भेजा जाता है। पटना पुलिस उसे लेकर पांच दिसंबर को संपूर्ण क्रांति से दिल्ली निकली। सात दिसंबर को उसकी पेशी होनी थी।

पुलिस की ओर से अवर निरीक्षक अखिलेश प्रसाद सिंह, कॉन्स्टेबल राजेश्वर कुंअर, मो. एजाज अहमद, सुशील कुमार सिंह, सौरभ कुमार प्रियदर्शी एवं बिनोद कुमार को दिल्ली भेजा गया था। एसएसपी गरिमा मलिक के अनुसार, दिल्ली में विकास पुलिस टीम को गच्चा देकर फरार हो गया। जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 


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