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No Tobacco Day: बिहार में तंबाकू प्रेम छीन रहा जिंदगी के 13 साल, उपयोग घटा पर अभी भी भयावह हैं आंकड़े

No Tobacco Day बिहार में तंबाकू का सेवन घटना है लेकिन अभी भी करीब 26 प्रतिशत लोग इसका सेवन करते हैं। राज्‍य में तंबाकू सेवन व इसके दुष्‍परिणामों को जानने के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 09:35 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 03:29 PM (IST)
No Tobacco Day: बिहार में तंबाकू प्रेम छीन रहा जिंदगी के 13 साल, उपयोग घटा पर अभी भी भयावह हैं आंकड़े
No Tobacco Day: बिहार में तंबाकू प्रेम छीन रहा जिंदगी के 13 साल, उपयोग घटा पर अभी भी भयावह हैं आंकड़े

पटना, जेएनएन। बिहार में बीते आठ वर्षों में खैनी, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, जर्दा एवं गुटखा का सेवन 53.5 प्रतिशत से घटकर 27.6 प्रतिशत रह गया है। सरकार ने चबाने वाले तंबाकू उत्पादों, गुटखा आदि को प्रतिबंधित भी कर रखा है। इसके बावजूद अभी भी 15 वर्ष से अधिक उम्र के 25.9 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। लोगों को तंबाकूजनित खतरों से आगाह करने के लिए हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2020 की थीम 'प्रोटेक्टिंग यूथ फ्रॉम इंडस्ट्री मैनीपुलेशन एंड प्रिवेंटिंग देम फ्रॉम टोबैको एंड निकोटिन यूज' रखी गई है। महावीर कैंसर संस्थान की डॉ. विनीता त्रिवेदी ने बताया कि तंबाकू जहर के समान है। तंबाकू सेवन करने वाले या सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण लोगों के जीवन के 13 वर्ष कम हो जाते हैं।

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रोगों की खान है तंबाकू : डॉ. ज्योति प्रकाश 

- तबाकू से मुंह, गला, फेफड़े, कंठ खाद्य नली, मूत्राशय, गुर्दा, पैनक्रियाज, सेरविक्स के कैंसर होते हैं।

- तम्बाकू सेवन से ब्रोंकाइटिस व इम्फीसिया जैसी सांस में तकलीफ की समस्याएं होती हैं।

- हृदय व रक्त संबंधी रोग तेजी से बढ़ते हैं। तम्बाकू के शौकीनों की जान अधिकतर हृदयाघात से जाती है।

- पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में जनन क्षमता में कमी व अन्य प्रजनन समस्याएं होती हैं।

- सांस में बदबू, मुंह-आंखों के आसपास झुर्रियां आती हैं।

- धूमपान करने वालों के आसपास रहने वालों में रोग की आशंका बढ़ जाती है।

- घर में धूमपान से बच्चों को निमोनिया, श्वांस रोग, अस्थमा, फेफड़े की गति धीमी जैसे रोग होते हैं।

- हर सिगरेट के साथ 14 मिनट उम्र घट जाती है।

गैट सर्वे रिपोर्ट 2017-18

तंबाकू सेवन को लेकर गैट सर्वे साल 2016 में बिहार की 15 वर्ष से अधिक उम्र की 7 करोड़ 56 लाख आबादी पर किया गया। इसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आप भी डालिए इसपर नजर।

- बिहार में 26 प्रतिशत, अर्थात् एक करोड़ 96 लाख 56 हजार लोग तंबाकू सेवन करते हैं।

- राज्‍य में पांच प्रतिशत (37 लाख 80 हजार लोग)सिगरेट पीते हैं तो 23.5 प्रतिशत ( एक करोड़ 77 लाख 66 हजार लोग) गुटखा, पान-सुपारी के साथ चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं।

- 22.5 प्रतिशत लोग सार्वजनिक स्थल पर सेकेंड हैंड स्मोक से पीडि़त हैं।

- 17 प्रतिशत लोग कार्यस्थल पर सेकेंड होम स्मोक से परेशान हैं।

- 38 प्रतिशत लोग घर के सदस्यों के कारण पैसिव स्मोकिंग को मजबूर हैं।

- 20.4 प्रतिशत लोग खैनी का सेवन करते हैं। 


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