रामनवमी जुलूस में पार्टी या प्रत्याशी का प्रचार करने पर होगी कार्रवाई
राजधानी में रामनवमी के अवसर पर निकलने वाले जुलूस पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। अगर कोई पार्टी या प्रत्याशी का प्रचार करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी।
By Edited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 09:19 AM (IST)
पटना, जेएनएन। इस बार राजधानी में रामनवमी के अवसर पर निकाले जाने वाले जुलूस पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही आचार संहिता को लेकर भी प्रशासन चौकस रहेगा। रामनवमी सहित चैती छठ और दशहरा में सुरक्षा व सुविधाओं की समीक्षा के लिए डीएम कुमार रवि ने समाहरणालय सभा कक्ष में जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस वर्ष रामनवमी 13 अप्रैल को है। चैती दुर्गा पूजा 06 से 14 अप्रैल तक मनाई जाएगी। रामनवमी के पूर्व संध्या 12 अप्रैल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पंक्तिबद्ध होकर महावीर मंदिर के बाहर आनी शुरू हो जाती है। भीड़ नियंत्रण के दृष्टिकोण से मंदिर के सभी द्वारों, उत्तरी तल एवं बाहर में श्रद्धालुओं को पंक्तिबद्ध रखने के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं बल की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। महावीर मंदिर से श्रद्धालुओं की पंक्ति जीपीओ गोलंबर से होती हुई वीर कुंअर सिंह पार्क के अंदर तक रहती है। वीर कुंअर सिंह पार्क में श्रद्धालुओं का प्रवेश आर ब्लॉक की ओर स्थित पार्क के द्वार से होगा। निकास पार्क के पूर्वी दक्षिणी द्वार से होगा। इस अवसर पर लाइट की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश महाप्रबंधक पेसू को दिया दिया।
डाकबंगला चौराहा पर विधि व्यवस्था बनाए रखने एवं भीड़ नियंत्रण के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ एक अस्थायी नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा। यहां पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। आयोजकों को यह स्पष्ट निर्देश होगा कि जुलूस के दौरान किसी तरह के राजनीतिक संदेश या अपील जारी नहीं हों। अगर ऐसा हुआ तो आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। चैती दुर्गापूजा में संबंधित थानाध्यक्ष सुनिश्चित कराएंगे कि मूर्ति विर्सजन जुलूस एस्कॉर्ट के साथ हो, ताकि मार्ग में कोई अप्रिय घटना न घटे।
एंबुलेंस की रहेगी व्यवस्था
जिलाधिकारी ने बताया कि चैती छठ का नहाय खाय नौ अप्रैल को है। 12 अप्रैल तक छठ के अनुष्ठान होंगे। इस अवसर पर कई नदी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। एंबुलेंस एवं जीवन रक्षक दवाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।
सिविल सर्जन भी रहेंगे तैनात
पटना शहरी क्षेत्र के मानिकचंद तालाब एवं संजय गांधी जैविक उद्यान स्थित तालाब के समीप एंबुलेंस के साथ चिकित्सा दल की प्रतिनियुक्ति का निर्देश भी सिविल सर्जन को दिया गया है। घाटों पर बने अस्थायी नियंत्रण कक्ष में एक-एक चिकित्सक, चिकित्सा दल, स्ट्रेचर एवं दवाएं रहेंगी। एनएमसीएच, पीएमसीएच, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान और कुर्जी अस्पताल के अलावा अन्य प्रमुख अस्पतालों में 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिया गया।
नदियों में मोटरबोट एवं अन्य संसाधनों के साथ अलग से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नाविक और गोताखोर तत्पर रहेंगे। इसके लिए आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता मो. मोइजुद्दीन को जिम्मेदारी दी गई है। एनडीआरएफ की 6 टीमें 30 बोटों के साथ और एसडीआरएफ की 2 टीमें 12 बोटों के साथ राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात रहेंगी। अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर, पटना सिटी, दानापुर एवं बाढ़ को निर्देश दिया कि गंगा नदी में नावों के परिचालन पर नौ अप्रैल से रोक लगाने के लिए धारा144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी कर दी जाए।अनुमंडल पदाधिकारी पटना सिटी को निर्देश दिया गया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित करें कि पीपा पुल होकर दियारा में जाकर छठ व्रती पूजा अर्चना न करें।
इस वर्ष रामनवमी 13 अप्रैल को है। चैती दुर्गा पूजा 06 से 14 अप्रैल तक मनाई जाएगी। रामनवमी के पूर्व संध्या 12 अप्रैल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पंक्तिबद्ध होकर महावीर मंदिर के बाहर आनी शुरू हो जाती है। भीड़ नियंत्रण के दृष्टिकोण से मंदिर के सभी द्वारों, उत्तरी तल एवं बाहर में श्रद्धालुओं को पंक्तिबद्ध रखने के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं बल की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। महावीर मंदिर से श्रद्धालुओं की पंक्ति जीपीओ गोलंबर से होती हुई वीर कुंअर सिंह पार्क के अंदर तक रहती है। वीर कुंअर सिंह पार्क में श्रद्धालुओं का प्रवेश आर ब्लॉक की ओर स्थित पार्क के द्वार से होगा। निकास पार्क के पूर्वी दक्षिणी द्वार से होगा। इस अवसर पर लाइट की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश महाप्रबंधक पेसू को दिया दिया।
डाकबंगला चौराहा पर विधि व्यवस्था बनाए रखने एवं भीड़ नियंत्रण के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ एक अस्थायी नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा। यहां पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। आयोजकों को यह स्पष्ट निर्देश होगा कि जुलूस के दौरान किसी तरह के राजनीतिक संदेश या अपील जारी नहीं हों। अगर ऐसा हुआ तो आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। चैती दुर्गापूजा में संबंधित थानाध्यक्ष सुनिश्चित कराएंगे कि मूर्ति विर्सजन जुलूस एस्कॉर्ट के साथ हो, ताकि मार्ग में कोई अप्रिय घटना न घटे।
एंबुलेंस की रहेगी व्यवस्था
जिलाधिकारी ने बताया कि चैती छठ का नहाय खाय नौ अप्रैल को है। 12 अप्रैल तक छठ के अनुष्ठान होंगे। इस अवसर पर कई नदी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। एंबुलेंस एवं जीवन रक्षक दवाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।
सिविल सर्जन भी रहेंगे तैनात
पटना शहरी क्षेत्र के मानिकचंद तालाब एवं संजय गांधी जैविक उद्यान स्थित तालाब के समीप एंबुलेंस के साथ चिकित्सा दल की प्रतिनियुक्ति का निर्देश भी सिविल सर्जन को दिया गया है। घाटों पर बने अस्थायी नियंत्रण कक्ष में एक-एक चिकित्सक, चिकित्सा दल, स्ट्रेचर एवं दवाएं रहेंगी। एनएमसीएच, पीएमसीएच, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान और कुर्जी अस्पताल के अलावा अन्य प्रमुख अस्पतालों में 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिया गया।
नदियों में मोटरबोट एवं अन्य संसाधनों के साथ अलग से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नाविक और गोताखोर तत्पर रहेंगे। इसके लिए आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता मो. मोइजुद्दीन को जिम्मेदारी दी गई है। एनडीआरएफ की 6 टीमें 30 बोटों के साथ और एसडीआरएफ की 2 टीमें 12 बोटों के साथ राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात रहेंगी। अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर, पटना सिटी, दानापुर एवं बाढ़ को निर्देश दिया कि गंगा नदी में नावों के परिचालन पर नौ अप्रैल से रोक लगाने के लिए धारा144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी कर दी जाए।अनुमंडल पदाधिकारी पटना सिटी को निर्देश दिया गया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित करें कि पीपा पुल होकर दियारा में जाकर छठ व्रती पूजा अर्चना न करें।
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