बेटी के देह में हरदी लगल रिश्ता लौट गेल साहेब, ...कहते हुए भर आयी मां की आंखें
बिहार के शेखपुरा जिले का एक गांव पिछले तीन साल से जलजमाव से त्रस्त है। इस वजह से यहां किसी की शादी तक नहीं हो पा रही है। रिश्ते तय होने के बाद टूट रहे हैं।
पटना [जेएनएन]। बिहार के शेखपुरा जिले के एक गांव में तीन साल से जलजमाव ने ऐसा घर कर लिया है कि उस गांव में बेटे-बेटियों की शादी रुक गई है। गंदे पानी के कारण गांव में संक्रमण रोगों का खतरा बढ़ गया है। सबसे ज्यादा समस्या बच्चों को स्कूल जाने में होती है। उन्हें गंदे पानी से गुजरकर आवागमन करना पड़ता है।
पीड़ा सुनाने कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिलाएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत सरकार हर घर नल का जल और हर नाली और गली को पक्की करने की योजना चल रही है। इस योजना को शुरू हुए डेढ़ साल होने को है। यह योजना जिले के इस गांव मिर्जापुर में अभी तक क्यों नहीं पहुंची? इसका जवाब न मुखिया के पास है और न ही बीडीओ कोई समाधान ढूंढ़ रहे।
तीन साल से जलजमाव के कारण टापू बने मिर्जापुर गांव की महिलाओं का सब्र टूट गया तो वे गुरुवार को अपनी पीड़ा सुनाने कलेक्ट्रेट पहुंच गईं। महिलाओं ने गांव में नाला-नाली में जमा पानी से परेशानी बताते हुए जिला प्रशासन के अफसरों से कहा कि गांव में तीन वर्षों से यह समस्या उनके बेटे और बेटियों का रिश्ता तोड़ रही है।
तीन सौ परिवार प्रभावित
गांव की मंजू और हेमा ने कहा, गंदा पानी जमा रहने से बेटी के देह में हरदी लगल रिश्ता लौट गेलय साहब। डीएम को अपना दुखड़ा सुनाते हुए महिलाओं ने बताया कि गांव की मुख्य गली में नालों का पानी जमा रहने से तीन सौ परिवारों का जीना दुश्वार हो गया है।
बताया कि पानी निकासी के लिए नाला निर्माण के वास्ते मुखिया से लेकर बीडीओ तक तीन साल से दौड़ लगा रहे हैं, मगर समस्या का निदान नहीं किया जा सका। अफसरों के पूछने पर कि समस्या से शादी-विवाह रुकने का क्या मतलब, इसपर महिलाओं ने बताया कि लड़की वाले कहते हैं कि गांव में शादी करने से उनकी बेटी रोगग्रस्त हो जाएगी। जबकि लड़की के विवाह के लिए जाने पर लड़के वाले कहते हैं कि गांव में बरात कैसे जाएगी?
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घुटने तक जमा है गंदा पानी
महिलाओं ने बताया कि तीन सौ घरों का गंदा पानी मुख्य गली में गिरता है तथा इस पानी को बाहर निकालने का साधन नहीं है। इसकी वजह से बच्चों को स्कूल जाने तथा उन्हें मंदिर और बाजार आदि जाने में घुटना भर गंदे पानी में घुसना पड़ता है। डीएम दिनेश कुमार ने अफसरों को गांव की समस्या के समाधान के निर्देश दिए।
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