महिलाओं के सशक्तीकरण में अब साक्षरता नहीं बनेगी बाधा
प्रखंड के कन्हाईपुर पंचायत में राममणि देवी, सुषमा देवी समेत अन्य महिलाओं ने जब कहा कि अब हमलोग भी साक्षर हैं।
प्रखंड के कन्हाईपुर पंचायत में राममणि देवी, सुषमा देवी समेत अन्य महिलाओं ने जब कहा कि अब हमलोग अंगूठा नहीं लगाते बल्कि दस्तखत करते हैं तो उनकी आंखों में चमक और चेहरे पर खुशी देखते ही बनी। यह सब मुमकिन हुआ कन्हाईपुर की मुखिया धर्मशीला कुमारी के प्रयास से।
धर्मशीला ने पंचायत के विकास व कल्याणकारी कार्यो की जवाबदेही का निर्वहन करते हुए सामाजिक कायरें में भी काफी रुचि ली। इन्होंने जीविका से जुड़कर स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को जोड़कर उनके स्वावलंबन की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। जिसमें महिलाओं को उन्होंने सिलाई कटाई, बागवानी, मुर्गी पालन, बकरी पालन से लेकर कई गृह उद्योग की शिक्षा दी। अब तो इसका अच्छा-ख़ासा प्रभाव व प्रतिफल महिलाओं को मिलने लगा है। मुखिया ने स्वावलंबन के इस प्रकार के कार्यो में विधवा विकलाग व बेसहारा महिलाओं को विशेष तरजीह दी। स्वावलंबन की बैठकों व समारोहों में भाग लेने से इनकी सक्रियता भी बढ़ने लगी है। अपने साक्षर अभियान में मिल रही उत्साहजनक सफलता व महिलाओं की भागीदारी को देखकर मुखिया भी काफी संतोष व्यक्त कर रही हैं। वहीं संकल्प को घर-घर पहुंचाकर अन्य पंचायतों में भी इस रोशनी को फैलाने का जज्बा प्रदर्शित कर रही हैं।
स्वावलंबन के क्षेत्र में बैंक, विभागीय कार्यालय समेत अन्य जगहों पर लाभार्थी महिलाओं को हस्ताक्षर फॉर्म भरने समेत अन्य कागजातों पर हस्ताक्षर करने में कठिनाई होती थी। इन्हें अंगूठा लगाना पड़ता था। सरकारी दिशा निर्देशों को ये अन्य लोगों से पढ़वाती थीं यह सब मुखिया धर्मशीला से देखा नहीं गया उन्होंने
इस परेशानी से उबारने के लिए कुछ शिक्षित महिलाओं का ग्रुप बनाया और निरक्षर महिलाओं को साक्षर करने का आग्रह किया । कई वषरें से महिलाओं को साक्षर बनाने का यह अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें महिलाएं भी काफी रुचि भी दिखा रही हैं। इसी का परिणाम है कि लगभग 200 महिलाएं अबतक साक्षर हो गई हैं और पूरे आत्मविश्वास से अब ने केवल अपना हस्ताक्षर खुद करने लगी हैं, बल्कि लिखने भी लगी हैं।