अब रसोई गैस के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार, तीन से चार घंटे में ही एजेंसी तक पहुंच रहे ट्रक
सोन और गंगा पार के जिलों में घरेलू गैस सिलिंडर (एलपीजी) की उपलब्धता अब आसान हो गई है। ऐसा हुआ है कोईलवर के पास सोन नदी में बने नये पुल की वजह से। इसका सबसे अधिक फायदा शाहाबाद के चार जिलों को होगा।
पटना, जेएनएन। सोन और गंगा पार के जिलों में घरेलू गैस सिलिंडर (एलपीजी) की उपलब्धता अब आसान हो गई है। ऐसा हुआ है कोईलवर के पास सोन नदी में बने नये पुल की वजह से। इसका सबसे अधिक फायदा शाहाबाद के चार जिलों को होगा। बक्सर, भोजपुर (आरा), रोहतास (सासाराम) और कैमूर (भभुआ) में अब एलपीजी (LPG) की सप्लाई (Supply) समय से हो सकेगी। इससे इन जिलों में रसोई गैस की डिलिवरी का बैकलॉग कम होगा। दरअसल, कोईलवर पुल (Abdul Bari Koilawar Pul) के समानांतर बने नये पुल (Vashishth Narayan Singh Setu) का उद्घाटन होने के बाद अब जाम की समस्या खत्म हो गई है। इससे रसोई गैस की लदान करने वाले ट्रकों के साथ ही सभी वाहनों का परिचालन आसान हो गया है।
महात्मा गांधी सेतु होते हुए डोरीगंज-बबुरा पुल के रास्ते आरा-बक्सर जा रहे थे ट्रक
भारी वाहनों के लिए कोईलवर का पुराना पुल बंद था। इस वजह से ट्रक महात्मा गांधी सेतु होते हुए डोरीगंज -बबुरा ब्रिज के रास्ते चल रहे थे। यहां भी बालू लदान के कारण भीषण जाम की स्थिति थी। इस वजह से तीन से चार घंटे का सफर 30 घंटे में पूरा हो रहा था। अप और डाउन में 60 घंटे लगते थे। घूमकर जाने के कारण करीब 70 किलोमीटर की दूरी भी बढ़ जा रही थी। नतीजा यह हुआ कि छपरा, गोपालगंज, वैशाली, बक्सर, भोजपुर सहित कई जिलों में रसोई गैस का बैकलॉग पांच से सात दिन हो गया। समय से रसोई गैस नहीं मिलने से उपभोक्ता परेशान थे।
तीन से चार घंटे में एजेंसी तक पहुंचने लगे एलपीजी सिलिंडर के ट्रक
10 दिसंबर को कोईलवर पुल के समानांतर नये छह लेन पुल का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया। बिहार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के महासचिव रामनरेश सिंहा ने कहा कि पुल के उद्घाटन के बाद अब फिर तीन से चार घंटे में रसोई गैस के ट्रक यात्रा पूरी करने लगे हैं। लंबे समय बाद जाम से राहत मिली है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर रसोई गैस का बैकलॉग खत्म हो जाएगा। साथ ही बुकिंग कराने के बाद 24 से 48 घंटे में उपभोक्ताओं को रसोई गैस की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।